डायल 108 हुई जीर्ण-शीर्ण कहीं भी खड़ी होने से मरीजों की बड़ी परेशानी

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

रख रखाव रखने वालों को खुला चैलेंज कहीं भी शिकायत करो

आम्बुआ (अलीराजपुर) प्रशासन की कई बेहतरीन योजनाओं में डायल 100 डायल 108 जननी एक्सप्रेस ऐसी सेवाएं है जिस पर कई नागरिकों की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य सुरक्षित रखने की जवाबदारी है यदि यह सेवाएं ठीक से कार्य न करें तथा इन सेवाओं की देखरेख रखरखाव पर ध्यान देने वाले ध्यान न दें तथा नागरिकों एवं मीडिया के द्वारा जब उन्हें सूचित तथा शिकायत भेजी जाए तथा वह संतोषजनक उत्तर देने की बजाय घौस दपट दे बदतमीजी करें या कहीं भी शिकायत करने का चैलेंज देकर यह बताने का प्रयास करें कि वह ऊंची पहुंच तथा ‘रसूख’ वाला है उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता तक इस योजना का भगवान ही मालिक होगा

प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त सेवाएं आम्बुआ क्षेत्र में दी जा रही है जिससे डायल 108 वाहन जो कि पुलिस थाने पर खड़ा रहता है तथा इसकी सेवाओं के डायल करने पर भोपाल से सारी जानकारी लेकर वाहन चालक को सूचित कर घटनाए दुर्घटना स्थल पर भेजा जाता है आम्बुआ में जिस 108 मारुति वैन को सेवा में लगाया गया है वह वाहन जीर्ण-शीर्ण है यह कब और कहा खराब हो जाए कहा नहीं जा सकता है उसमें सवार घायल बीमार रास्ते में ही दम तोड़ दे तो कोई आश्चर्य नहीं होगा वाहन चलाने वाला चालक (पायलट) स्थानीय होने के कारण वह वाहन थाने पर खड़ा कर घर चला जाता है जिसे घटना के समय आने में समय लग जाता है अभी हाल ही में 11-08-18 को बाइक दुर्घटना में तीन युवक घायल होने पर जब डायल 108 को सूचना भेजी गई तो चालक गायब था एक स्थानीय आदिवासी युवक जिसे थोड़ा बहुत वाहन चलाना आता था जैसे तैसे करके अस्पताल तक लाया

यह 108 मारुति वैन विगत 16 अगस्त को दिनभर पुरानी पत्थर फैक्टरी के पास खराब हालत में पड़ा रहा इसके बाद किसी तरह से मरम्मत हेतु ले जाया गया है जो कि समाचार लिखे जाने तक वापस नहीं आया था आम्बुआ से कुछ पत्रकारों ने जैसे-तैसे नंबर प्राप्त कर मोबाइल नंबर 92945 04663 पर संपर्क किया तथा संबंधित का नाम पूछा तो उसने नहीं बताया यह पूछने पर 108 सेवा में क्या करते हैं तो बताया कि मैं जिला मैनेजर हूं 19-08-18 को पुनः दो पत्रकारों ने इसी नंबर पर फोन कर 108 की स्थिति जानना चाहा तो वह बदतमीजी पर उतर आया तथा अनाप-शनाप बकते हुए उसने अपना नाम अरविंद बताते हुए कहा कि वह मारुति 108 के रखरखाव (मेंटेनेंस) का कार्य देखता है उसके बाद इस व्यक्ति ने खुला चैलेंज देते हुए यहां तक कह दिया कि पत्रकार हमारा क्या बिगाड़ लेंगे जहां चाहो कलेक्टर-एसपी मुख्यमंत्री जिसे चाहो शिकायत कर दो हमारी लंबी पहुंच है आज तक हमारा कुछ नहीं बिगाड़ा जा सका तो अब क्या होगा उसके चैलेंज से लगता है कि वाहन चालक में शासन प्रशासन का संरक्षक प्राप्त हो सकता है या फिर स्थानीय स्तर पर उसे संरक्षक मिला हो सकता है।

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