बायोमैट्रिक मशीन ने बढ़ाई परेशानी, राशन के इंतजार में परिवारजनों के साथ दिनभर बैठे रहते हैं ग्रामीण

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सिराज बंगडवाला, खरडूबड़ी
खरडूबड़ी में आदिम जाति सेवा सहकारी समिति में शासकीय उचित मूल्य की दुकान पर किसानों अपना राशन लेने सुबह से यहां पर आते है और राशन के इंतजार में सुबह से भूखे प्यासे बैठे रहते है। अपने घर का खेतों में काम भी न कर पाते और जब अपना नाम आता है तो राशन की बायोमेट्रिक मशीन जो नेट से चलता है जो काम करना बंद कर देता है और जब परची निकाल ने के समय बच्चों का थम का वेरिफाई न होने से निराशा होते हुए घर लौटना पड़ता है। ऐसा एक बालिका सुबह से भूखी प्यासी अपने मां बाप तो मजदूरी पर गए हुए हैं। बालिका जिगली पिता मानसिंह भगोरा जो अपने दादाजी के पास रहती है। राशन कार्ड लेकर राशन लेने आई और अपना नाम आते ही वह मशीन के पास गई थी कि सेल्समैन ने उनके नाम पर क्लिक करके फिगर प्रिंट एक्सेप्ट किया तो मशीन द्वारा एक्सेप्ट नहीं हुआ जब नाराज होकर वापस बिना राशन लिए घर लौटी। कई ग्रामीणों का कहना है कि हमारे परिवार के बहुत सारे लोग अपने घरों से काम की तलाश में पलायन कर जात हैं जिसके कारण इनके बच्चों को दादा या दादी के पास छोड़ कर चले जाते है। अगर सरकार इस तरह राशन नहीं देती हैं तो हम बच्चों को कैसे पालन पोषण कैसे करेंगे। इस माह के राशन कब मिले उनके आधार नंबर भी दिया गया है फिर भी राशन की परची नहीं निकल रही है। सुबह से छोटे छोटे बच्चों को लेकर हम लोग राशन लेने आते है परंतु नाराज होकर वापस घर लौटना पडता हैं, कभी मशीन खराब होती हैं तो नेट बंद हो जाता है।
सेल्समैन खेल सिंह डामोर कहते हैं कि मेरे द्वारा राशन वितरण करता हूं परंतु बायोमेट्रिक मशीन जो जिसका आधार नंबर बदला हुआ हैं उसका एक्सेप्ट हो रहा है। मशीन से जितने राशन कार्ड एक्सेप्ट होता है उनको राशन मेरे द्वारा दिया जाता है और यहां पर नेट की बहुत बडी समस्या है कभी नेट पकड़ ता हैं तब मशीन चलती हैं जो पूरेे दिन भर हो जाता हैं जो सरकार के नियम से मुझे कार्य करने पड़ता हैं। यह बच्चे सुबह से बैठी अपना दादा के साथ नाम आया तब इस बची के फिगर फिट मशीन एक्सेप्ट नहीं हुआ।

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