शासकीय भूमियों पर बैजा कब्जा करने वाले गुप्ता बंधु भडक़े, दी अखाड़े को उखड़वाने की धमकी

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भूपेंद्र बरमंडलिया, मेघनगर
नगर के बीचों बीच स्थित शासकीय नजूल भूमि सर्वे नंबर 557 एवं 485 जो दशहरा मैदान एवं रामदल अखाड़ा का क्षेत्र आता है। उक्त शासकीय नजूल भूमि सार्वजनिक होकर हाट बाजार धार्मिक एवं सामाजिक एवं राष्ट्रीय पर्व जैसे आयोजन के कार्य में दशहरा मैदान आता है वर्षों से यहां रावण दहन किया जाता है। शासकीय नजूल की भूमि पर रमेशचंद्र गुप्ता उनके परिवार वर्षों से अपने गुमनाम भूमि माफियाओं के साथ मिलकर अवैध तरीके से कब्जा करने का प्रयास विगत 41 वर्षों से कर रहे हैं फर्जी दस्तावेज के माध्यम से उक्त परिवार ने विभिन्न न्यायालयों में वाद प्रस्तुत करके न्यायालय को भी भ्रम में डालने का प्रयास किया है। करोडो रुपए की बेशकीमती शासकीय नजूल की भूमि को हड़पने के लिए गुप्ता परिवार तहसील न्यायालय से लेकर माननीय उच्चतम न्यायालय तक असफल प्रयास करता रहा परंतु समाजसेवी पूर्व सरपंच पुरुषोत्तम प्रजापति उनके मंसूबों पर पानी फेरते रहे है। प्रजापति ठोस साक्ष्य के साथ शासन कि उक्त बेशकीमती भूमियों को बचाने के लिए न्यायालय में शासन का पक्ष दमदारी से रखते हैं। यही कारण है कि सुरेश गुप्ता-महेंद्र गुप्ता का पूरा परिवार अपने गुमनाम माफियाओं के साथ वर्षों से हाथ पैर मारने के बाद भी इनकी दाल नहीं गली। गौरतलब है कि वर्तमान में उक्त परिवार ने स्थानीय एसडीएम कार्यालय मेघनगर के समक्ष नामांतरण हेतु आवेदन कर सर्वे नंबर 485 एवं 557 शासकीय भूमि के भूखंडों का राजस्व रिकॉर्ड में नामांतरण चाहा है। उक्त आवेदन के विरुद्ध प्रजापति ने अपने अभिभाषक सलीम कादरी एवं जिया उल हक कादरी के माध्यम से आपत्ति प्रस्तुत की है जिसमें 10 अगस्त 2018 को अंतिम बहस के समय आवेदक के अधिवक्ता तुषार भट्ट एवं कादरी बन्धुओ ने एसडीएम के समक्ष अपनी अपनी बहस प्रस्तुत की उस वक्त न्यायालय में आवेदन कर्ता सुरेश गुप्ता-महेंद्र गुप्ता एवं संजय गुप्ता भी उपस्थित थे जब चाहे गए नामांतरण के विरुद्ध अभिभाषक कादरी ने बिंदुवार साक्ष्य के अपना मत प्रस्तुत किया तो गुप्ता बंधु भडक़ गए और न्यायालय में ही शोर मचाकर उपस्थित प्रजापति को धमकाने लगे, तभी आवेदक के अधिवक्ता भट्ट ने अपने पक्षकार को समझाने का प्रयास करते हुए कहा कि कानून के तरीके से लडऩा है लड़ाई झगड़े नहीं करना है परंतु के गुप्ता बंधु न्यायालय से बाहर आ गए व परिसर में प्रजापति को धमकी देते हुए बोले कि तेरे अखाड़े को उखड़वा दूंगा और तेरे को भी उखड़वा दूंगा। माहौल को उपस्थित पार्षदों एवं लोगों ने बमुश्किल शांत किया। गौरतलब है कि उक्त प्रकरण में निर्णय 24 अगस्त 2018 को आना बताया जा रहा है स्मरण रहे कि रामदल अखाड़ा पिछले 35 वर्षों से संचालित है यहां सार्वजनिक कार्यक्रम निशुल्क होते हैं जिसमें प्रत्येक रविवार राधा स्वामी सत्संग होता है जहां सैकड़ों लोग शामिल होते हैं वही प्रतिदिन नगर के युवा वर्ग सुबह एवं शाम को व्यायाम करते हैं साथ ही नगर की गरीब जनता अपने शादी समारोह एवं अन्य कार्यक्रम भी यह निशुल्क संपन्न करते हैं अखाड़े से नगर के लोगों की आस्था जुडी है जिसको गुप्ता उखाड़ फेंकने का साकार ना होने वाला सपना देख रहा है।

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