महामंडलेश्वर 1008 स्वामी प्रणवानंद सरस्वतीजी ग्रामीणों के बीच जगा रहे धर्म का अलख

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भूपेंद्रसिंह नायक, पिटोल
सावन के पवित्र माह में पिटोल सहित आसपास के गांव में धर्म का अलख जगा रहे हैं। वृंदावनधाम से पधारे अनंत विभूषित महामंडलेश्वर 1008 स्वामी प्रणवानंद सरस्वतीजी के श्रीमुख से धर्म की गंगा बह रही है। इसी तारतम्य में कल गुजरात के प्रसिद्ध आदिवासी संत शिरोमणि गंगाराम महाराज से मुलाकात कर आदिवासी बंधुओं के उत्थान एवं धर्म परिवर्तन को लेकर चर्चा की आदिवासी परिवारोंं ने धर्म परिवर्तन किया है उन्हें वापस घर वापसी कराने के लिए दोनों संत शिरोमणि ने एक साथ धर्म का प्रचार करने का बीड़ा उठाया। इसके पश्चात स्वामी प्रनवानंदजी रोजाना 7 से 9 तारीख तक रात्रि 9 से 11 बजे तक स्थानीय राधा कृष्ण मंदिर में पिटोल में धर्मप्रेमी जनता को धार्मिक प्रवचन भजन कराते हैं एवं सनातन धर्म की रक्षा के संकल्प को दोहराते हैं। स्वामी ने कहा कि दुनिया में सबसे अच्छा धर्म हिंदू धर्म है जो कि सभी धर्मों वर्गों के लोगों का सम्मान करता है। इसी कड़ी में रात्रि में मंदिर पर सत्संग के बाद स्वामीजी दिनभर सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में आदिवासियों के बीच जाकर धर्म के प्रति जागृति की बात करते हैं में अध्यात्म का ज्ञान देते हैं। पिटोल से 10 किमी दूर घने जंगलों में मोद नदी ओर अनास नदी के संगम संगम स्थल पर एक ही चट्टान पर बनी माता टीटकी माता के मंदिर पर जाकर भगत समाज के लोगों के साथ धर्म के प्रति जागृति रहने के लिए बात कही उन्होंने अपने धर्म के साथ जीवन जीने की प्रेरणा दी। आयोजन काकरादरा के सरपंच तानसिंह वसुनिया एवं भाजी डूंगरा, नेगडिया, टीटकी, खेड़ा, काकरा द्वारा छालकिया आदि गांव के ग्रामीणों ने मिलकर किया।
टिरकी माता मंदिर बन सकता है पर्यटन स्थल
शासन-प्रशासन ध्यान दे तो यह स्थल झाबुआ जिले के पर्यटन स्थलों में शुमार हो सकता है दोनों नदी के संगम पर स्थल पर बसे गांव टीटकी खेड़ा में माता के मंदिर तक जाने के लिए सुगम रास्ते की जरूरत है वहां नवरात्रि एवं चेत्र नवरात्रि पर जिले समेत गुजरात एवं राजस्थान के कई गांवों के श्रद्धालु पहुंचते हैं एवं अपनी मन्नत कामना पूरी होने पर माताजी के दर्शन के लिए आते हैं जिन्हें घने जंगलों के जाना पड़ता है। इस स्थान पर विधायक शांतिलाल बिलवाल द्वारा कच्चा रोड तो बनाया था परंतु वह घनी झाडिय़ों की वजह से वापस सकरा हो गया। यहां पर चार पहिया वाहन जाने के लिए मुश्किल होती है माताजी के मंदिर के सामने की तरफ बिजली के पोल हैं और वहां माता जी के मंदिर पर बिजली की सुविधा नहीं है। ग्रामीणों ने स्वामीजी के समक्ष यह मांग की कि प्रशासन से इस स्थान के लिए बिजली मुहैया कराए। स्वामी जी ने वहां विशाल शिवलिंग की स्थापना का मंदिर बनाने का वादा किया। इस वादे को स्वामी जी कार्य प्रारंभ वहां मंदिर का निर्माण शुरू करा देंगे परंतु समस्या यह है कि वहां सीमेंट सरिया निर्माण की सामग्री ले जाने हेतु रोड नहीं है। प्रशासन इसकी सुध ले तो अंचलवासियं की श्रद्धा का केंद्र टीटकी माता वह भी एक और भी एक पर्यटक क्षेत्र के रूप में आकार जल्द ले सकता है।

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