शिवपुराण धर्म अर्थ काम एवं मोक्ष रूपी चारों पुरूषार्थो को देना वाला हैं

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हरीश राठौड़, पेटलावद
नगर के निलकठेश्वर महादेव मंदिर पर चल रही शिव पुराण कथा के 10वें दिन पं शुक्ला ने कहा कि शिवपुराण धर्म अर्थ काम एवं मोक्ष रूपी चारों पुरूषार्थो को देना वाला हैं। पश्चाताप ही पाप करने वाले पापियों के लिए सबसे बड़ा प्रायश्चित है जिसे अपने कुकृत्र्य पर हादिक पश्चाताप होता हैं। वह उत्तमगति को प्राप्त होता है। जो वक्ता और श्रोता अनेक प्रकार के कर्मो मे लिप्त रहते है। काम आदि छह विकारों से युक्त हो स्त्री मे आसक्ति रखने वाले हो और पाखंड पूर्ण बात कहते है। वे पुण्य भागी नही होते हैं कान से भगवान के नाम गुण और लीलाओ का श्रवण वाणी द्वारा उनका कीर्तन तथा मन द्वारा उनका मनन इन तीनो को महान साधन कहा गया ह है। निलकंठेश्वर महादेव मंदिर पर यह भागवता कथा का आयोजन कई वर्षा से होता आ रहा है। नगर की महिलाए व पुरूष प्रतिदिन बडी संख्या मे कथा सुनने पहुंच रहे है। कथा का समपान 11 अगस्त को होगा।

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