फ्रेंडशीप-डे पर बच्चों में दिखा विशेष उत्साह

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रितेश गुप्ता, थांदला
दोस्ती हर चेहरे की मीठी मुस्कान होती है, दोस्ती ही सुख.दुख की पहचान होती है, रुठ भी गये हम तो दिल पर मत लेना, क्योंकि दोस्ती जरा सी नादान होती है। कुछ सालों बाद ना जाने क्या होगा ना जाने कौन सा दोस्त कहा हो, फिर मिलना हुआ तो मिलेंगे यादों में, जैसे सूखे गुलाब मिले किताबों में। ये व इस तरह के कइे मित्रता दिवस के मैसेज पूरे मित्रता दिवस पर सोश्यल मीडिया पर छाये रहे। फ्रेंडशीप-डे के अवसर पर बच्चो में विशेष उत्साह देखने को मिला। शनिवार शाम से ही बच्चे गिफ्ट शॉप पर फ्रेंडशीप बेल्ट व गिफ्ट खरीदने के लिए उमडऩे लगे। बाजार में तरह तरह तरह के रंग बिरंगे फ्रेंडशिप बेल्ट व रिंग उपलब्ध रही। रविवार सुबह से बच्चो ने एक दूसरे मित्रों के घरों पर पहुंच एक दूसरे को फ्रेंडशीप बेल्ट बांध कर शुभकामनाएं दीं। कइे बच्चे साइकलों के झंड में तो कइे पैदल ग्रुप बना कर अपने मित्रो के यहां पहुंचे। हित गुप्ता, यश शाहजी, परोक्ष गुप्ता, विरल शाहजी, मोनील चौहान, हिम शाहजी, विजय प्रजापत, प्रीत पोरवाल, धैर्य शाहजी, हेन्सी जैन समेत कई बच्चों ने मित्रता दिवस उत्साह पूर्वक मनाया। मित्रों द्वारा एकत्रित होकर अवसर पर देवीगढ़, शिवगढ़ एवं शिवसागर जाकर दल पानिये बना कर पार्टी मना कर मित्रता दिवस को मनाया। सोश्यल मीडिया पर भी फ्रेंडशिप डे का खुमार देखा गया। दोस्ती का रिष्तार दो अंजानो को जोड़ देता है, हर कदम पर जिंदगी को नया मोड़ देता है,सच्चा दोस्त उस वक्त साथ देता है जब साया भी साथ छोड़ देता है।

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