हाइवे अग्निकांड ने खोली जिले की नगरीय संस्थाओं की कैमिकल से निपटने की तैयारीयों की पोल ; इस खबर मे जानिए कल कैसै मजबूर थी दमकल गाड़ियां

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चंद्रभानसिंह भदोरिया @ चीफ एडिटर

इंदोर – अहमदाबाद नेशनल हाइवे पर कल शाम संभवतः केरोसीन से भरे एक टैंकर के पलटने ओर उसके बाद उसके आग के गोले मे तब्दील हो जाने ओर आसपास के तीन कच्चे मकानों को अपनी चपेट मे ले लेने के मामले मे झाबुआ जिले के नगरीय निकायों की दमकल गाड़ियों ओर तैयारियों की पोल खोलकर रख दी है । कल सभी ने देखा कि झाबुआ / राणापुर / मेघनगर आदि की दमकल गाडिया केरोसीन की आग बुझाने पानी भरकर आयी जबकि पानी से इस तरह की आग नही बुझती है यह आग बुझती है फोम से ..ओर कल बुझी भी फोम से लेकिन यह फोम झाबुआ जिले के नगरीय निकायों की दमकल गाड़ियों मे नही था । गनीमत थी कि हमारे यहा गैल इंडिया है उनकी दो फोम दमकल गाड़ियों ने आग पर काबू पाया हालांकि राजगढ नगर परिषद की जो दमकल गाड़ी आई थी एसडीओपी आर सी भाकर के अनुसार फोम की थी । इससे यह स्पष्ट हो गया है कि झाबुआ जिले के नगरीय निकायों के पास फोम वाले दमकल वाहन नही है ऐसे मे कल्पना कीजिए अगर कैमिकल या पेट्रोलियम पदार्थों से कोई अग्निकांड खुदा ना खास्ता हो गया तो क्या होगा ?

एनएचएआई की भी बडी लापरवाही
कायदा तो यह कहता है कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को हाइवे पर फोम / पानी के दमकल / एंबुलेस / क्रेन मशीने आदि रखनी चाहिए लेकिन एक भी चीज नही है अरे पहले एनएचएआई वाले हाइवे तो पूरा करवा ले जो 10 साल से अब तक नही पूरा हो पाया ? लेकिन बडा सवाल है जब हाइवे पर ट्रेफिक जारी है हादसे भी होते है तो यह सुविधाऐ क्यो नही ?

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