दबंगों व अफसरों से परेशान किसान जनसुनवाई में जहर लेकर पहुंचा

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मुकेश परमार, झाबुआ

कलेक्टर की जनसुनवाई में किसान कीटनाशक की शीशी लेकर पहुंचा, लाल गोल घेरे में दिखाई दे रही है

किसान ने कलेक्टर की जनसुनवाई में समस्या का सौंपा ज्ञापन में जिसमें आत्मदाह की चेतावनी दी

मध्यप्रदेश के झाबुआ में कलेक्टर आशीष सक्सेना की जनसुनवाई में आज एक दिलचस्प वाकया सामने आया। दरअसल कलेक्टर प्रति मंगलवार की तरह आज भी जनसुनवाई कर रहे थे तभी नारायण नामक किसान कलेक्टर की जनसुनवाई में इस आवेदन के साथ कीटनाशक जहर की शीशी लेकर पहुंचा तथा कहा कि वष 2016 से अब तक 16 बार आपकी जनसुनवाई में आवेदन दे चुका हूं, दो साल से तहसील और कलेक्टर के चक्कर लगा रहा हूं, लेकिन मेरी सुनवाई नहीं हो रही है। इसलिए या तो आज मेरी समस्या का हल कर दीजिए और नहीं कर सकते तो यह कीटनाशक जहर पिला दीजिए। कलेक्टर ने तुरंत ही युवक के साथ कीटनाशक की शीशी ले ली, और बैठाकर उससे पूरी समस्या सुनी तथा तीन दिन में उसकी समस्या का स्थाई हल करने का आश्वासन दिया। दरअसल, नारायण सेन की समस्या यह थी कि उसकी खेती झाबुआ जिले के राणापुर तहसील छायन सेमलखेड़ी गांव में दबंगों के खेतों के बीच में स्थित है तथा दबंग उसकी जमीन हथियाने के चक्कर में उसे अपने खेत में नहीं जाने दे रहे हैं, जबकि वर्ष 1984 सरकार अपने खेत में जाने का रास्ता उसे दे चुकी है। 1984 से 2016 तक उसे दबंगों ने उसके खेत में जाने दिया, लेकिन 2016 से उसे दबंगई दिखाते हुए खेत में जाने और खेती करने से रोक दिया। युवक नारायण का आरोप है कि उसके खेत के आसपास दबंग इसलिए दबंगई दिखा रहे हैं ताकि वह औने-पौने दामों में अपनी जमीन उन्हें बेचने को मजबूर हो जाए। जनसुनवाई में पहुंचे नारायण के वयोवृद्ध के पिता शांतिलाल के नाम पर जमीन है लेकिन खेती नारायण करता है। कलेक्टर से मुलाकात के बाद नारायण ने कलेक्टर को यह चेतावनी भी दी कि अगर तीन दिन में उसकी समस्या का हल नहीं किया गया, तो वह परिवार समेत कलेक्टोरेट में आकर आत्मदाह कर लेगा। वहीं इस घटनाक्रम के तुरंत बाद कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे तुरंत नारायण के उसके खेत में स्थाई रूप से प्रवेश को सुनिश्चित करे।

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