झाबुआ लाइव डेस्क। आगामी अक्टूबर-नवंबर माह में प्रस्तावित रतलाम लोकसभा उपचुनाव को लेकर भाजपा ने अपनी कमर कस ली है। प्रदेश के स्वास्थ्य एवं संसदीय मामलों के मंत्री और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह के करीबी और राज्य सरकार के डाॅ.नरोत्तम मिश्रा को भाजपा सरकार की ओर से रतलाम लोकसभा उपचुनाव में जीत की जिम्मेदारी दी गई है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है। लेकिन आज गुरूवार को जो घटनाक्रम झाबुआ में हुआ और उससे जो संकेत मिले वह साफ कह रहे है कि रतलाम लोकसभा उपचुनाव में डाॅ.नरोत्तम मिश्रा ही भाजपा सरकार की ओर से प्रमुख रणनीतिकार होंगे।
गुरूवार के घटनाक्रम से मिले संकेत
गुरूवार को प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा हेलिकाॅप्टर से झाबुआ आए और यहां उन्होंने विभागीय से ज्यादा रूची भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं से मेल मुलाकात मिली। दरअसल, झाबुआ में कितने भी मेडिकल इमरजेंसी रही हो कभी भी बतौर स्वास्थ्य मंत्री की हेसियत से नरोत्तम मिश्रा झाबुआ नहीं आए। लेकिन आज अचानक हेलिकाॅप्टर से झाबुआ जिला चिकित्सालय के औचक निरीक्षण और विभागीय अधिकारियों की बैठक के बहाने उनका झाबुआ आना और बंद कमरे में भाजपाई नेताओं व कार्यकर्ताओं से बैठक कर आगामी चुनाव के लिए तैयार रहने की ऊर्जा देकर जाना साफ संकेत है।
इसलिए लगाए जा रहे है नरोत्तम मिश्रा
दरअसल, रतलाम लोकसभा उपचुनाव शिवराजसिंह चैहान के लिए करो या मरो से कम नहीं होगा, क्योंकि व्यापमं घोटाले के ग्लोबल होने और नेशनल मीडिया के साथ-साथ भाजपा और कांग्रेस में इसको लेकर मची सिर फुटव्वल के बाद केंद्रीय भाजपा आला कमान ने शिवराजसिंह चैहान को फिलहाल मुख्यमंत्री पद पर अभयदान तो दे दिया लेकिन जैसा कि लोकतंत्र में होता है जनता के आशिर्वाद के बगैर किसी भी नेता का अभयदान औपचारिक माना जाता हैं। अब बीत रहे माह के तमाम घटनाक्रमों के बाद रतलाम लोकसभा उपचुनाव ही पहला और अति महत्वपूर्ण चुनाव होगा जिसमें हार-जीत से शिवराजसिंह चैहान की जनता में लोकप्रियता या व्यापमं का जनता में कितना असर हुआ है इसकी एक तरह से समीक्षा होगी। इसलिए इस चुनाव को हर हाल में भाजपा सरकार ही जीतना चाहेगी और शिवराजसिंह चैहान के लिए यह तो नाक का सवाल है। चूंकि डाॅ.नरोत्तम मिश्रा केबिनेट के एक मंत्री होने के साथ-साथ शिवराजसिंह चैहान के लिए न सिर्फ हनुमान है बल्कि प्रमुख रणनीतिकार भी है। लिहाजा रतलाम लोकसभा उपचुनाव तक इस पूरे रतलाम-झाबुआ-आलीराजपुर क्षेत्र में शिवराज के हनुमान यानी नरोत्तम मिश्रा की आवाजाही लगी ही रहेगी और विगत 23 जुलाई को आलीराजपुर के आजाद नगर में अपने विभाग का कार्यक्रम न होने के बावजूद नरोत्तम मिश्रा आ गए और कार्यक्रम का संचालन किया और आज झाबुआ आए है।
यह होगी नरोत्तम मिश्रा की जिम्मेदारी
कहने को तो झाबुआ-आलीराजपुर जिले के प्रभारी मंत्री अंतरसिंह आर्य है, लेकिन उन्हें सरल सहज माना जाता है। चुनावी कुटनीतियों और दाव पेंचों के मामले में उनका अनुभव बेहद कम है, लिहाजा डाॅ.नरोत्तम मिश्रा अब कमान संभालेंगे। हमारें भाजपाई सूत्र कहते है कि डाॅ.नरोत्तम मिश्रा को अब हर विधानसभा क्षेत्र में अगले एक से डेढ़ माह में आकर कार्यकर्ताओं से संवाद स्थापित करना है। इसके बाद वे मंडल स्तर पर भी पहुंचेंगे। दरअसल, इस दौरे में वे भाजपा की कमजोरियों एवं मजबूत पक्षों को समझेंगे और सीधे मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करेंगे। इस दौरान वे मुख्यमंत्री के सफल दौरों की रणनीति भी स्थानीय स्तर पर ही बनाएंगे और वोटिंग के एक माह पहले उन्हें झाबुआ में रहकर ही अपना मंत्रालय चलाने को कहा गया है, हकीकत में वे रतलाम लोकसभा उपचुनाव जीतने की मुहिम में ही डेरा जमाएंगे।
अब इनकी भी सुनिये
‘‘फिलहाल ऐसी कोई बात नहीं है लेकिन अगर ऐसी जिम्मेदारी मिलती है तो खुशी खुशी आएंगे और अपनी जिम्मेदारी को निभाकर जाएंगें।‘‘
-डाॅ.नरोत्तम मिश्रा, स्वास्थ्य मंत्री मप्र शासन
‘‘11 साल से नरोत्तम मिश्रा प्रदेश सरकार में मंत्री है कई ऐसे प्रसंग आए जब उन्हें झाबुआ में आना चाहिए था, जब लोग बीमारियों से मर रहे थे तब आए नहीं और अब लाखों रूपये खर्च कर हेलिकाॅप्टर लेकर बिना काम के आ गए। कांग्रेस उनके इस दौरे की निंदा करती है और हम जनता को बताएंगे कि नरोत्तम मिश्रा वह मंत्री है जो उनके दुःख मंे कभी नहीं आया और अब वोट ठगने के लिए आ रहा है।‘‘
-कलावती भूरिया, कांग्रेस नेत्री