राजेन्द्र शर्मा, ब्यूरो चीफ दाहोद
दाहोद जिला परिषद के अध्यक्ष उपाध्यक्ष के ढाई साल का कार्यकाल पूरा होने पर अगले ढाई साल के लिए नए अध्यक्ष उपाध्यक्ष चयन प्रक्रिया में पिछले चुनाव में कांग्रेस व भाजपा के समर्थकों के बीच हुई। भीषण हिंसा को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन के चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच आज जिला परिषद के सभाखंड मे अध्यक्ष उपाध्यक्ष के चयन के लिये हुए चुनाव में कांग्रेस के जिला परिषद के 9 सद्स्य अनुपस्थित रहने पर भाजपा के 23 जिला परिषद के सद्स्यो कांग्रेस के 17 जिला परिषद के सदस्यों की उपस्थिति मे नियम के अनुसार उपस्थित संख्याबल मे भाजपा द्वारा बहुमत साबीत करने पर को्ग्रेस के जिला परिषद के सद्स्यो ने चुनावी प्रक्रिया का विरोध करते हूए वोकआउट कर जाने के बाद भाजपा ने कांग्रेस को संख्याबल के मायाजाल मे फ़ासकर जिला परिषद् का बोर्ड बनाने मे सफ़लता हासिल की है। 2015 जिला परिषद कि 50 सीटो पर चुनाव हुए थे जिसमें 26 सीटों पर कांग्रेस तथा 24 सीटो पर भाजपा को सिमीत कर भाजपा के गढ़ को तोड़ने मे कामयाबी हासिल की थी। बाद मे भाजपा द्वारा जिला परिषद् के सद्स्यो की खरीद फरोख्त संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस आलाकमान ने जीते हुए सदस्यों को पर्यटन के लिए राज्य के बाहर भेज दिया गया था। कई दिनों की लुकाछुपी के बाद अध्यक्ष उपाध्यक्ष चुनाव के दिन जिला परिषद ऑफिस में आए भाजपा कांग्रेस के सदस्यों व समर्थकों के बीच पथराव तथा तोड़फोड़ जैसी भीषण हिंसा से पूरे जिले में हड़कंप मच गया था। बाद मे जिला प्रशासन द्वारा चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच हुए चुनाव में कांग्रेस के सद्स्यो ने रमीलाबेन भूरिया अध्यक्ष के लिए तथा उपाध्यक्ष के लिए पुरुषोत्तम भाई को चुना गया था। तत्पश्चात भाजपा ने अपनी पुरानी गलतियों को न दोहराते हुए “दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है। “उस उक्ति को सार्थक करते हुए जिला परिषद में बोर्ड बनाने के लिए जरूरी संख्याबल पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हुए कांग्रेस के 9 सदस्यों को अंडरग्राउंड कर आज अध्यक्ष उपाध्यक्ष के हुए चुनाव मे कांग्रेस के 9 सद्स्य अनुपस्थित रहने पर भाजपा के 23 सदस्य तथा कांग्रेस के 17 सदस्य उपस्थित रहने पर नियम के अनुसार भाजपा ने बहुमती साबित कर पंचायत का बोर्ड बनाकर कांग्रेस को पटखनी देने में कामयाबी हासिल की। इस पूरी चुनाव प्रक्रिया में कांग्रेस के सदस्यों द्वारा मुख्य निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर तथा जिला विकास अधिकारी पर भाजपा से मिले होने के आरोप लगाकर चुनावी प्रक्रिया से वॉकआउट कर चले गए थे। हमारे संवाददाता से हुई बातचीत में जिला परिषद के कारोबारी चेयरमैन सुरमल भाई पणदा ने बताया कि 50 सीटों वाली जिला परिषद में भाजपा ने हमारे 9 सदस्यों को केतकर जिला प्रशासन के साथ मिलीभगत कर बोर्ड बनाया है जिला परिषद में जब तक पूरे के पूरे 50 सदस्य उपस्थित ना हो तब तक यह चुनाव ना कराए जाए। ऐसी मांगे करने पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर श्री विजय खराड़ी ने हमारी मांगों को ना मानते हुए चुनाव प्रक्रिया शुरू कराने पर चुनाव प्रक्रिया के विरोध में हमारे 17 सदस्यों के साथ जिला परिषद भवन में से
वोकआउट कर इस मुद्दे पर पार्टी आलाकमान तथा हमारी लिगल टीम से परामर्श करने के बाद जरूरत पड़ने पर अदालत में जाने के बारे में विचार विमर्श करेंगे। ऐसा बताने पर आने वाले समय में पर जिला परिषद की राजनीती मे कई उतार चढ़ाव देखने मिलेगे इसमे कोइ दोमत नही है।