देश के कोने-कोने से पत्रकारो का महासमागम कार्यक्रम सम्पन्न

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BY jhabua Live desk

भारतीय पत्रकार संघ एआईजे के बैनर तले रविवार को एक निजी गार्डन में पूरे देश भर से आए मुर्धन्य पत्रकारों का महा समागम का आयोजन किया गया। भारतीय पत्रकार संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रम सेन की अध्यक्षता में आयोजित इस महासमागम में देश के हर प्रांत से पत्रकारों ने इस महाकुंभ में सहभागी होकर देश की जानी मानी कलम की धनी हस्तियों के विचार एवं मार्गदर्शन प्राप्त किया। इस आयोजन में इदेश भर से करीब दो हजार पत्रकारों एवं सगठन के पदाधिकारियों ने भागीदारी की। इस महासमागम में पत्रकार जगत के लिे स्वास्थ्य एवं उच्च शिक्षा में ऐतिहासिक सार्थक सहयोग के अनुपम क्रियान्वयन के साथ ही प्रख्यात संपादक एवं चिंतक स्व. माणकचन्द्र बाजपेयी, स्व. यशवंत घोडावत, एवं स्व. कन्हैयालाल वैद्य की स्मृति में अलग अलग 6-6 कलमकारों एवं साहित्यकारों को प्रशस्ति पत्र एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में अतिथियों के रूप में देश की इलेक्ट्रानिक एवं प्रिंट मीडिया के जाने माने पत्रकारों में राष्ट्रीय एवं अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम कमाने वाले राजेश बादल, क्रांति चतुर्वेदी, जय श्रीवास्तव, कमल दीक्षित, प्रकाश हिंदुस्तानी, पुष्पेन्द्र वैद्य, सुचंदना गुप्ता के अलावा सांसद कांतिलाल भूरिया, डॉ. विक्रांत भूरिया, रिदम हार्ट स्पेशलिस्ट हॉस्पीटील के संचालक डॉ.अरविन्द्र शर्मा, डॉ. डीपी पटेल पारूल यूनिवर्सिटी के डीन के अलावा बडी संख्या में मप्र,राजस्थान, गुजरात, झारखंड, महाराष्ट्र, दिल्ली, जम्मू कश्मीर, बिहार, छत्तीसगढ सहित देश के कौने कौने से सैकडों की संख्या मे पत्रकारो ने भागीदारी की। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण के साथ मुर्धन्य पत्रकार राजेश बादल के मुख्य अतिथि में देश की जानी मानी मीडिया हस्तियों द्वारा किया गया। राजेश बादल ने मुख्य अतिथि के रूप मे संबोधित करते हुए कहा कि झाबुआ की यह भूमि निश्चित ही साधुवाद की पात्र है। जहा पर कन्हैयालाल वैद्य, यशवंत घोडावत, जवाहरलाल राठौर, आनंदीलाल पारिख जैसी हस्तियों ने ग्रामीण पत्रकारिता से लेकर सामाजिक सरोकार के क्षेत्र में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। आज पत्रकारिता मे दबाव के कारण समर्पण की भावना सर्वव्याप्त है। ओर अखबारो एवं टीवी को मालिक अपनी लाभ के लिये ही चलाते है। पत्रकारिता को आज तक वैद्यानिक रूप से चाहे चौथे स्तंभ का दर्जा न मिला हो किंन्तु समाज इसे चौथा स्तंभ ही मानता है। खोई हुई विश्वसनीयता पर हमे विचार करना है। अपने आप में झांके ओर समाज में संवाद स्थापित करें। संकल्प की जीत को लेकर वापर लौटे तभी समाज हमारे स्वास्थ्य व रोजगार की चिंता करेगा। उन्होने पारूल विश्वविद्यालय में 10 प्रतिशत पत्रकारो के बच्चो के स्थान सुरक्षित रखने का सुझाव भी डीन को दिया।
इस अवसर पर सुचंदना गुप्ता ने अपनी 26 वर्षीय पत्रकारिता का उल्लेख करते हुए कहा कि कार्पोरेट पत्रकारिता में हम स्टुडियो में बैठकर काम करते है जबकी आप लेाग ग्र्रामीण क्षेत्र में पत्रकारिता के जुनून को लेकर अनुकरणीय कार्य कर रहे है। जय श्रीवास्तव ने मदर्स डे की बधाई देते हुये कहा कि एआईजे बधाई का पात्र है। जिसने ऐसे सफल आायोजन को साकार किया। एयर कंडीशनर कमरो में बैठकर जो लोग पत्रकारिता करते है उन्हे भी फिल्ड के मसाले पर निर्भर रहना पडता है। क्योकि पत्रकारिता की नींव ही आप लोग है। आप लोग कलम मे श्याही ना हो तो अपने खून से लिखते है। कलम में बड़ी ताकत है दृढसकंल्प होकर कार्य करे। इसकी आावाज सरकार तक पहुंचाने का अपने दायित्व का निर्वाह करे।
पारूल इंस्टीट्यूट के डीन डॉ. वीपी हटिला ने कहा कि उनका संस्थान देश के सभी पत्रकारो को नि:शुल्क सेवाएं देगा। दवाइयों व एक्सरे आदि का सिर्फ 50 प्रतिशत ही देना होगा। आईसीयू डायलिसिस सभी सेवाये दी जायेगी। उनकी संस्था में पत्रकारो के बच्चों को 30 प्रतिशत स्कालरशीप देने की घोषणा की। विजय कुमार दास ने अपने संस्मरण सुनाते हुये कहा कि बिना मैदानी कार्यकत्र्ता के पत्रकारिता अधुरी है। उन्होने राममनोहर लोहिया की बात बताते हुये कहा कि आम आदमी परेशान हो तो कलम की आवाज से सरकार को जागरूक किया जा सकता है। पत्रकारो के बिना समाज अधुरे है उद्योगपति अधूरे है। कलम की धार उसी रफतार से चलना चाहिये क्योकि पत्र.कार विरोधाभास में ही पैदा होता है ओर अपना दायित्व निभाता है। इस अवसर पर प्रकाश हिन्दुस्तानी ने पत्रकारिता को स्वयंभू चौथा स्तंभ बताया है। क्रांति चर्तुवेदी ने हम सिद्धांतो की बात तो करते है परन्तु पकारिता बहादुरी पूर्वक निर्भय रहते हुये अपनी सिद्धांतो पर कायम रखकर करना चाहिये। उन्होने कहा कि आंचल की आवाज के लिये लेाग सभा राज्यसभा न्यायपालिका के जाने के पूर्व पत्रकारों के पास जाते है ओर अपनी आवाज को उपर तक पहुंचाते है। कमल दिक्षीत ने पत्रकारिता के मूल्यो को समझकर पत्रकार एकता की शक्ति का पहचानने का आहवान किया। पुष्पेन्द्र वेद्य ने पत्रकारो के लिये सरकार से कल्याणकारी कदम उठाने का आहवान किया। हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ अरविंन्द शर्मा रिदम स्पेशलिटी हास्पीटल ने घोषणा की की पत्रकारों एवं उनके परिवारों के लिये उनका संस्थान 30 प्रतिशत डिस्कांउंट परामर्श एवं दवाईयो में देंगा। ऐंजियोग्राफी में 25 प्रतिशत तथा हार्ट ऑपरेशन 50 प्रतिशत डिस्काउंट की सुविधा दी जावेगी। इस अवसर पर डॉ विक्रांत भूरिया ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुये डॉक्टरो ओर पत्रकारो को 24 घंटे कार्य करने वाला बताते हुये कहा कि समाज की जान इनके हाथो में रहती है। पत्रकार किसी को भी अर्श से फर्श तक तथा फर्श से अर्श तक ले जा सकता है। पत्रकार रियल लाइफ के हीरो है जो सत्य की बात करते है। जिस दिन प.त्रकारो की आवाज बंद हो जाएगी उस दिन सब कुछ खत्म हो जायेगा। डॉ भूरिया ने पत्रकारो की कम आय का जिक्र करते हुंये सरकार से लडाई लडने का आहवान भी किया। कार्यक्रम के अंत में पधारे सांसद कांतिलाल भूरिया ने भी अपने संबोधन में देश भर के पत्रकारो के लिये झाबुआ में आयोजित कार्यक्रम की प्रशंसाा करते हुये आायोजको को धन्यवाद दिया तथा पत्रकारो को मेडिकल पेंशन आदि सुविधाएं देने के लिये सरकार से मांग की तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्रकारो को अपना अधिकार देने की मांग करते हुये सरकार की पत्रकारिता विरोधी कदमो का जिक्र किया।
पत्रकारिता के पितृ पुरूष माणकचंद वाजपेयी, यशंवत घोड़ावत एवं कन्हैयालाल वेद्य की स्मृति में देश के विभिन्न अंचलो से आये पत्रकारों साहित्य के क्षेत्र की हस्तियों का सम्मान पत्र देकर अतिथियों ने सम्मान किया। राष्ट्रीय स्तर पर जय श्रीवास्तव सुचंदना गुप्ता, अजीजुद्दीन शेख, पुष्पेन्द्र वैद्य, कमल दीक्षित, विजय कुमार दास, एवं क्रांति चतुर्वेदी का प्रादेशिक स्तर पर कपिल तिवारी, रमेश टांक, चंद्रभानसिंह भदौरिया, निलेश पंवार, विनोद कुमार भट्ट, प्रकाश हिन्दुस्तानी, मो. अहद खान, तथा आलोक द्विवेदी, सुरेश पटेल, क्रांति कुमार वैद्य, दौलत भावसार , शालिनी राय, एवं शीतल राय का सार्वजनिक सम्मान कर प्रशस्ति पत्र दिया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन शरत शास़्त्री एवं दिनेश भारती ने किया। अंत में आभार प्रदर्शन सलीम शैरानी ने व्यक्त किया।

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