स्कूल में फीस की आखिरी किश्त नहीं दी तो नौनिहाल के साथ स्कूल प्रबंधन ने की बदसुलूकी

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मेघनगर से भूपेंद्र बरमण्डलिया की रिपोर्ट

जहा एक और प्रदेश के मुखिया शिक्षा को लेकर नई नई योजनाए क्रियान्वित कर नन्हे मुन्नों को स्कुल से जोड़ने की बात कर रहे है वही दुसरी और निजी स्कुल संचालक मनमानी कर खूब चांदी बटोर ने में लगे हुवे है ऐसा ही एक मामला मेघनगर के सेंट आर्नोल्ड का सामने आया है जहा मजबूर होकर आज एक पालक को स्कुल में बच्चे के साथ व्यवहार को लेकर झाबुआ जन सुनवाई में जाना पड़ा।                      यह था मामला :- दरअसल , भाविक बारोट का पुत्र मनन बारोट कक्षा 2 पास कर तीसरी में गया  और नये सत्र में प्रवेश किया किन्तु पालक की आर्थिक स्तिथि ठीक नही होने की वजह से वह अपने पुत्र कीआखरी किशत की फ़ीस जमा नही कर सका जिसके चलते शाला प्रबन्धक द्वारा मेरे पुत्र के साथ अभद्र व्यवहार किया गया तथा उसे शाला में  जमीन पर बेठाया गया । जब मे अपने पुत्र को लेने  आज स्कुल गया तो मेरे बेटे को नीचे बेठाए जाने की बात सामने आई जबकि अन्य छात्र कुर्सियों पर बेठे हुवे थे ।इस सम्बन्ध में जब मेरे द्वारा शाला प्रबन्धक से इस बारे में पूछा गया तो शाला प्रबन्धक ने कहा की जो फ़ीस नही देते  उन्हें हम शाला में घुसने नही देते है लेकिन तुमहारे पुत्र को तो सिर्फ निचे बिठाया है । ऐसे में शाला प्रबन्धक द्वारा किया गया व्यव्हार मेरे पुत्र के साथ अमानवीय है  तथा अन्य की नजरो में निचे दिखाने वाला है । क्या किसी शाला में ऐसा व्यवहार करना शोभनीय है यह एक बड़ा सवाल है कि मात्र फ़ीस नही भरने की वजह से मासूम को इतनी बड़ी सजा देना कहा तक उचित है  या इस मामले में जिले के जिला कलेक्टर तथा खंड शिक्षा अधिकारी कोई कार्यवाही करेगे या निजी स्कुल संचालक अपनी मनमानी कर खूब चांदी बटोरेगे ।  बात अगर अन्य निजी स्कुलो की करे तो सभी जगह कुछ न कुछ कमिया है मगर कोई खुलकर सामने नही आता किन्तु आज यह मामला सामने आने के बाद शायद कई पालक भी ऐसे स्कुल संचालको के खिलाफ खड़े होगे।

 इन का कहना है :-

इस मामले में जानकरी देते हुवे भाविक बारोट ने बताया की मेने इस मामले में सीसीटीवी फुटेज की मांग संचालक से की थी साथ ही मेने इस बारे में बच्चो को प्रताड़ित क्यों किया गया बात भी की मगर वह कुछ भी सुनने तथा फुटेज देने से इंकार कर दिया जिसके बाद आज मेने जनसुनवाई में स्कुल के खिलाफ आवेदन दिया तथा खंड शिक्षा अधिकारी को भी इस मामले में आवेदन दिया । भाविक बारोट (पालक) 

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