अनपढ़ ससुराल नही जाऊंगी डोली रख दो कहारो ; आदिवासी दुल्हन ने सात फेरो से पहले दी साक्षर परीक्षा

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झाबुआ Live के लिए ” दिनेश वर्मा ” की EXCLUSIVE रिपोर्ट । 

परीक्षा देती दुल्हन

मै अनपढ़ ससुराल नहीं जाऊँगी .. यह बात मन मे ठान चुकी एक आदिवासी युवती के लिए आज का दिन यादगार बन गया । दरअसल आज ही उसकी शादी थी ओर आज ही योग से मध्यप्रदेश सरकार ने ” नव साक्षर ” घोषित करने के लिए परीक्षा आयोजित की .. इस पर दुल्हन ने पहले दुल्हन की वेशभूषा पहनकर पहले नव साक्षर होने की परीक्षा दी उसके बाद सात फेरे लिए .. यह घटनाक्रम झाबुआ जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दुर ” झकेला” गाँव का है जहां दुल्हन ने 53 लोगों के साथ परीक्षा दी । दुल्हन बनी युवती “मोता बिलवाल ( 21 ) साल के लिए यह दिन खास इसलिए भी बन गया क्योकि उसके इस कदम से उत्साहित झाबुआ का पूरा प्रशाशन उसका अभिनंदन करने झकेला के परीक्षा केंद्र पर पहुंच गया । कलेक्टर ने जहां नेग स्वरुप उसे 101 रुपये का लिफाफा दिया वहीं सीईओ जिला पंचायत जमुना भिडे एंव डिप्टी कलेक्टर प्रीति संघवी ने मोता बिलवाल को माला पहनाकर उसका अभिनंदन किया ।

अनपढ़ होने की रहती थी मन मे टीस
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मोता बिलवाल ने बताया कि वह किसी कारणवश पढ नहीं पाई थी छोटी बहन पढी लिखी थी वहीं कुटुम्ब मे भी कई लोग पढे लिखे है इसलिए अनपढ़ होना उसे हमेशा कचोटता था । मोता बिलवाल के अनुसार वह हमेशा यह सोचती थी कि अनपढ़ ससुराल नहीं जाऊँगी ओर उसने कुछ महीने पहले अपनी छोटी बहन शारदा से अक्षर ज्ञान लेना शुरु किया ओर कुछ ही दिनों मे वह लिखने ओर अक्षर ज्ञान सीख गयी लेकिन समस्या यह थी कि उसके पास ऐसा कोई सरकारी दस्तावेज नहीं था जो उसे साक्षर साबित कर सके क्योकि वह स्कूल गयी नहीं थी लिहाजा उसके सामने एक ही उपाय था भारत सरकार के नव साक्षर अभियान की परीक्षा मे शामिल होकर नव साक्षर होने का प्रमाण पत्र हासिल करना ओर संयोग देखिए की आज उसकी शादी थी ओर सुबह 10 बजे नव साक्षर परीक्षा आयोजित की गयी । इस परीक्षा मे शामिल होने के लिए “मोता बिलवाल ” आदिवासी दुल्हन ” की वेशभूषा मे गीत गाती सहेलियों के साथ परीक्षा केंद्र पहुंच गयी ओर परीक्षा दी । साक्षरता अभियान की प्रभारी डिप्टी कलेक्टर प्रीति संघवी के अनुसार नव साक्षर परीक्षा का नतीजा एक दो दिन मे घोषित हो जायेगा ओर हम प्रमाण पत्र मोता बिलवाल को तुरंत भिजवा देंगे । प्रीति संघवी कहती है कि अनपढ़ मोता बिलवाल जैसी इच्छा शक्ति से ही महिला सशक्तिकरण संभव है वहीं कलेक्टर आशीष सक्सेना का कहना है कि मोता बिलवाल ने जिस इच्छा शक्ति का परिचय देकर सात फेरे लेने के पहले दुल्हन की वेशभूषा मे आकर परीक्षा दी वह काबिले तारीफ है ।

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