शिक्षा सत्र समाप्ति की ओर ; झाबुआ मे एक भी भांजे – भांजी को साइकिल नही दे पाई ” शिवराज मामा की सरकार

0

झाबुआ Live के लिऐ अशोक बलसोरा की EXCLUSIVE रिपोर्ट 

सरकार की लच्छेदार बातो ओर जमीनी हकीकत मे अंतर अक्सर दिखाई देता है लेकिन राज्य सरकार की 6 वी ओर 9 वी मे पढने वाले उन विद्यार्थीयों को जो कि स्कूल से 2 किलोमीटर या उससे अधिक का सफर तय करके आते है नियमानुसार चालु शिक्षा सत्र मे साइकिल वितरण नही कर पाई ओर अब सत्र समाप्ति की ओर है नतीजा पूरे साल झाबुआ जिले के 12 हजार 257 पात्र बच्चे पैदल ही चलकर अपने स्कूल ओर स्कूल से घर जाने को मजबूर हुऐ । सरकार आनलाइन खानापूर्ति ओर नये नये नियमो ओर प्रकियाओ मे ही उलझी रह गयी ओर इधर सत्र बीत गया ।

जुलाई 2017 मे ही बाँट दी जानी थी साइकिले
==========================
नियमानुसार 1 अप्रेल 2017 से चालू शिक्षा सत्र शुरु हो गया था ओर शाशन के निर्देश के अनुसार जुलाई 2017 मे ही यह साइकिले बांट दी जानी थी मगर आलम यह है कि अब मार्च महीने के भी 10 दिन बीत गये है ओर 6ठी ओर 9 वी क्लास की परीक्षाऐ चल रही है ऐसे मे सवाल उठता है कि सत्र तो बीत गया ओर बच्चो को साइकिल नही मिली तो इसकी जिम्मेदारी आखिर किसकी तय की जायेगी ?

यह है झाबुआ की स्थति
===============
बात अगर आदिवासी बहुल झाबुआ की करे तो झाबुआ जिले मे जिला शिक्षा कार्यालय ओर जिला शिक्षा केंद्र के द्वारा साइकिल वितरण किया जाना था । दोनो विभागो ने अपनी डिमांड शाशन को पोट॔ल पर अपलोड करवा दी थी । जिला शिक्षा केंद्र के परियोजना समन्वयक ( डीपीएसी ) एल एन प्रजापति ने बताया कि उनके कार्यालय द्वारा सिर्फ 6 th क्लास के साइकिल के पात्र बालक बालिकाओ के नाम पोट॔ल पर भेजे गये थे जो काफी पहले वैरीफाई हो चुके है प्रजापति के अनुसार 6 th क्लास के लिऐ झाबुआ जिले मे 5547 विद्यार्थी पात्र घोषित है जिन्हे साइकिल दिया जाना है प्रजापति कहते है मार्च शुरु हो जाने पर भी साइकिल ना बंट पाने मे हमारा दोष नही है यह शाशन स्तर का मसला है वहा से साइकिले आयेंगी तो हम बांट देंगे । वही 9 th क्लास के लिऐ जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से साइकिल बांटी जाना थी । जिला शिक्षा अधिकारी ( DEO) एम एस सोलंकी के अनुसार उनके यहा से 6 हजार 710 बालक बालिकाओ को साइकिले दिया जाने का प्रस्ताव वैरीफाई होकर पोट॔ल पर अपलोड है अब शाशन जैसै ही भेजेगा हम बांट देंगे । सोलंकी के अनुसार यह शाशन स्तर से देरी है हमारी ओर से कोई देरी नही है ।

बच्चे बोले सत्र बीत गया ; पूरे साल पैदल चलकर सकूल आये
==========================
जैसा की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चोहान के लगभग हर सरकारी आयोजन मे या आन-लाइन भाषण मे यह जिक्र जरुर होता है कि मै मामा हुं ओर अपने भांजे – भांजियों को पढाने के लिऐ साइकिलें दे रहा हुं इसलिए 6 th & 9th क्लास के बच्चो को जुलाई से ही साइकिल मुख्यमंत्री के दावो के अनुसार मिलने की उम्मीद थी मगर हर महीने उम्मीद के सहारे निकालने के बाद अब यह पात्र बच्चे ना उम्मीद हो चुके है 6 th क्लास मे समोई स्कूल मे पढने वाली कुशलपुरा गांव की निवासी बालिका ” रेखा पिता दीमु “” कहती है कि पूरा साल बीत गया हमे या तो पैदल या टैंपो मे लटककर स्कूल आना पडा ; हर महीने स्कूल के सर से पूछते रहे लेकिन सिर्फ आश्वासन मिला साइकिल नही । वही 9 th के साइकिल की पात्र छात्रा “” मनीषा पिता सोमला निवासी ढाकनी तलाई “” के अनुसार अभी तक साइकिल नही मिली है जबकि जुलाई मे देने की बात दी इसलिए पैदल ही स्कूल जाना पडता है एक घंटे पहले घर से निकलना पडता था ओर स्कूल छुटने के एक घंटे बाद घर पहुंचते थे ।

इस तरह उलझता गया मामला
===================
हमारी कई शिक्षको ओर अधिकारियों से बात हुई तो उनका साइकिल वितरण मे देरी पर नाम ना छापने की शत॔ पर बताया कि दरअसल आनलाइन एजुकेशन पोट॔ल पर पहले पात्र विद्यार्थीयों के नाम बुलकावर अपलोड किये गये फिर उनका स्कूल के हैड मास्टर से वैरीफिकेशन करवाया गया इस तरह सितम्बर माह बीत गया ओर अक्टूबर मे नया नियम यह जोडा गया कि गांव के स्कूल मे भी अगर गांव की बसाहट ( फलिया ) अगर 2 किलोमीटर दुर हो तो उसे भी जोडा जाये । इस जोड को करते करते दिसंबर बीत गया ओर उसके बाद किन किन साइकिल कंपनियों को कितने कितने जिले दिये जाये यह तय करने मे सरकार के जिम्मेदारो ने दो महीने खराब कर दिये ओर अब मार्च दूसरा सप्ताह चल रहा है साइकिले अभी भी नही आई है ।

विधायक ने उठाया सवाल तो बढी हलचल
=========================
अफसोस कि बात है कि आदिवासी बहुल जिले झाबुआ – अलीराजपुर मे स्कूली बच्चो को सत्र बीतने को है ओर साइकिल नहीं बंटी यह मुद्दा झाबुआ – अलीराजपुर के किसी भी विधायक ने विधानसभा मे नही उठाया लेकिन ” हिना कांवरे ” नाम की विधायक ने सरकार से अपने तारांकित सवाल नंबर 2873 के जरिऐ उठाया तब जाकर मामले मे सरकार को चिंता हुई ओर तेजी से साइकिल वितरण करने की कवायद सरकार ने शुरु की है अब भले सरकार अगले एक महीने के भीतर साइकिल बांट भी दे लेकिन उस पर यह दाग तो लग ही गया कि सरकार ने पूरे शिक्षा सत्र मे स्कूली बच्चो को पैदल चलकर स्कूल आने जाने को मजबूर किया । अब इस मामले मे राजनीति भी शुरु हो गयी है क्योकि चुनावी साल है कांग्रेस सांसद कांतिलाल भूरिया ने आरोप लगाया कि सरकार स्कूली बच्चो को लेकर संवेदनशील ओर गंभीर नही है यह बात सत्र बीत जाने के बावजूद पात्र लाखो बच्चो को साइकिल ना मिलने से साबित हो गयी है ।

प्रदेश मे करीब 9 लाख बच्चे वंचित
=========================
बात अगर पूरे मध्यप्रदेश की करे तो पूरे मध्यप्रदेश मे करीब 9 लाख बच्चे चालू शिक्षा सत्र मे साइकिल पाने से वंचित रह गये है एजुकेशन पोट॔ल पर दज॔ आंकडो की माने तो 9 वी क्लास के विद्यार्थीयों को पूरे मध्यप्रदेश मे 4 लाख 42 हजार 743 विद्यार्थीयों को साइकिल दी जानी थी ओर 6 th क्लास मे पूरे प्रदेश मे 4 लाख 87 हजार 935 साइकिले बंटनी थी जो अभी तक नही बंट पायी है ।

Leave A Reply

Your email address will not be published.