अवकाश के दिनों में श्रमदान कर अपनी स्कूल को संवारने में जुटे शिक्षक

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अलीराजपुर लाइव के लिए सोंडवा से योगेन्द्र राठोड़ की रिपोर्ट-
कहते है शिक्षक वह ज्योति है,जो खुद जलकर दूसरों को रोशनी प्रदान करती है। इसी को चरितार्थ करते हुए सोंडवा तहसील के छकतला के कन्या माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों मानसिंह ठकराव, छितुसिंह बामनिया, विक्रमसिंह डावर, जबरसिंह बारिया, चन्द्रभानूसिंह चौधरी, इशू कनेश ने होली के अवकाश को दूसरे कार्य में न गंवाते हुए अपनी ही स्कूल मे श्रमदान कर मनाने का फैसला किया। जिसके पश्चात उन्होंने अपनी ही स्कूल के बरामदे के नवीनीकरण के लिए श्रमदान कर अवकाश के आनंद को दोगुना कर लिया। यह कार्य उन शिक्षकों के लिए भी प्रेरणादायक है जो अक्सर ये सोच रखते है कि यह कार्य तो सरकार है वह ही करवाए। इन दिनों अलीराजपुर कलेक्टर गणेश शंकर मिश्रा, सोंडवा बीईओ रामानुज शर्मा, एसडीएम अखिलेश राठौर सोंडवा क्षेत्र में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए विशेष प्रयास कर रहे हैं जिसके तहत ‘भणे सोंडवा गुणे सोंडवा’ अभियान भी चलाया जा रहा है, जिसके सकारात्मक परिणाम भी निकलने लगे है। शिक्षक भी अपनी पूरी तन्मयता से बच्चों की शिक्षा के साथ भवन की सुन्दरता पर भी विशेष ध्यान देने लगे है जिससे ये तस्वीरें सहज ही नजर आने लगी है। अनेक शिक्षक-शिक्षिकाएं अपनी अपनी स्कूलों को नये अंदाज में संवारने में लगे हुए है। जरुरत पडऩे पर इसमे वे कभी सरकारी मदद लेते है तो कभी खुद ही समय का सदुपयोग कर श्रमदान करने तन-मन से जुट जाते है। सबसे अच्छी बात यह है कि सोंडवा एसडीएम राठौर, बीईओ रामानुज शर्मा समय-समय पर उनका हौसला अफजाई करते रहते है और शिक्षकों-शिक्षिकाओं के हर वो कार्य जो दूसरों के लिए शिक्षाप्रद है उसे सोशल मीडिया के जरिये सभी तक पहुंचाना नहीं भूलते, जिससे प्रेरणा ले अन्य जगह भी इस तरह के कार्य हो ने लगते है। हालांकि सोंडवा तहसील मुख्यालय शिक्षा के क्षेत्र में सबसे पिछड़ा है जिसमे सुधार के लिए इस प्रकार के प्रयासों की महत्ती आवश्यक महसूस की जाती रही है। अब समय ही बताएगा कि शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के ये प्रयास कहां तक सफल होते है।

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