वो ओर कोई नहीं पिता है जो इश्वर से भी बड़ा होता है : शैलेंद्र चौकड़े

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थांदला। वो ओर कोई नही पिता है जो इश्वर से भी बड़ा होता है माता इश्वर का रुप है तो पिता इश्वर से भी बड़ा होता है उक्त कविता शैलेंद्र चैकड़े ने अमर शहीद चंद्रशेखर ‘आजाद’ बलिदान दिवस पर तीन दिवसीय कार्यक्रम अंतर्गत बलिदान दिवस की पूर्व संध्या 26 फरवरी को नगर के ऐतिहासिक आजाद चौक में राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के आयोजन पर कही। कवि सम्मेलन का संचालन करते हुए हास्य कवि शैलेंद्र चौकड़े सनावद ने ‘तुम ठीक से खड़े रहो, इसलिए वो सदा साए की तरह खड़ा होना है, वह कोई और नहीं पिता है जो ईश्वर से भी बड़ा होता है।’ इन पंक्तियों पर श्रोताओं की खूब दाद बटोरी। वाह-वाह फैम एवं पैरोड़ीकार फिरोज सागर ने ‘जिनके सीनों में कुरआन अभी जिंदा है जिनके मजबूत इमान अभी जिंदा है, जो बगावत नहीं करते वतन से अपने मुल्क में ऐसे मुलमान जिंदा है।’ इस रचना को श्रोताओं ने खूब सराहा। प्रतापगढ़ से आए हास्य कवि हरीश हंगामा ने अपनी हास्य रचनाओं का ऐसा दौर प्रस्तुत किया कि ‘पूरे विश्व में बढ़ाई मोदीजी ने शान, चूर-चूर कर दिया चाइना अभिमान तथा डोकलाम में जवानों ने दिखाया दम, चीनी सेना भाग गई बिना फोड़ बम, की हास्य रचनाओं पर श्रोता हंस-हंसकर लोट-पोट हो गए। गीतकार रवि सिरोहा दिल्ली ने ‘सिर्फ सोचा नहीं पूर्ण विश्वास है, एक तुझे खास है, एक मुझे खास है, आसमां ने कहा चांद दो ही तो है, एक तेरे पास है एक मेरे पास है’ अपने गीत को निराले अंदाज में प्रस्तुत किया। वीर रस के मुकेश आनंद भावसार मल्हारगढ़ ने ‘गुलामी की बेडियों में भी भारत जिंदाबाद रहे, वीर सपूतों से भी नीत ये भू मंडल आबाद रहे, कि होगी हुकूमत गौरों ने करोड़ों भारतीयों पर, आजाद ही थे, जो मरते दम तक आजाद रहे। अपनी इन पंक्तियों पर श्रोताओं की खूब तालियां बटोरी। प्रसिद्ध कवि नागेंद्र ठाकुर के युवा कवि पुत्र राघवेंद्र ठाकुर ने आजाद बलिदान दिवस के इस कवि सम्मेलन मंच से कवि के रूप में अपनी पहली रचना का पाठ करते हुए ‘मेरे एक हाथ में न्याय का तराजू, दूजे में गंगा है। मैं उबलता खून हूं भारत का, मेरे हाथ में तिरंगा है।’ राष्ट्रीय भावना का जोश भर दिया। श्रंृगार व गीत गजल की मलिका कवित्री अनिता मुकाती धार ने शुभारंभ में सरस्वती वंदना के पाठ से अपनी रचनाओं की शुरुआत की। लॉफ्टर वाह-वाह फैम के मुजावर मालेगांवी मुंबई ने ‘लोग ऐसे हैं लोग वैसे है, एक मुल्ला है, दूसरा पंडित, काम दोनों के एक जैसे हैं।’ अपने रचना पाठ से श्रोताओं को देर तक बांधे रखा। कवि सम्मेलन के सूत्रधार सरफराज भारतीय ‘रंगों में जोश भर दे, गूंजा दे घोष आसमानों में, हमारी जान तो बसती है शहीदों की कथाओं में’ इस रचना को श्रोताओं ने काफी सराहा। कार्यक्रम के सूत्रधार युवा कवि आशीष नागर ने ‘जहां पैदा आजाद हुआ, जय भारत जय झाबुआ तथा खेलते को तो कितने ही खेल, मत खेलो तुम ब्लूव्हेल गैम की रचना पाठ से युवाओं को जाग्रत करने का संदेश दिया।कवि सम्मेलन के शुभारंभ के पूर्व आयोजन के अतिथि मप्र पिछड़ा वर्ग मोर्चा की प्रदेश मंत्री संगीता सोनी, नगर परिषद अध्यक्ष बंटी डामोर, जियोस के पूर्व सदस्य विश्वास सोनी, समाजसेवी सुरेशचंद्र जैन (पप्पू भैया) तथा कविगणों ने चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की। तहसिल पत्रकार संघ अध्यक्ष मुकेश अहिरवार ने कविगणों को प्रतीक चिन्ह (बेच) लगाकर स्वागत किया। वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र कांकरिया ने स्वागत भाषण के साथ आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। स्व. डॉ.हीरालाल उपाध्याय की 100वीं जन्म जयंती स्मृति में उपाध्याय परिवार द्वारा समस्त कविगणों का शॉल ओढ़ाकर पुष्पमालाओं से सम्मान किया। स्थानीय पत्रकारों ने कविगणों को भेंट प्रदान किए। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार कुन्दन अरोड़ा ने तथा आभार ग्रामीण अंचल के पत्रकार हरीश पंचाल ने व्यक्त किया। अवसर पर पत्रकार ,कमलेश एस जैन, मनोज उपाध्याय, कमलेश तलेरा,, रितेश गुप्ता, पीटर बबेरिया, जमील खान,आत्माराम शर्मा, कादर शेख, पवन नाहर जावेद खान, शाहीद खान, अजय सेठीया आदि मौजूद थे।

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