कलेक्टर रंजिथ कुमार व चाइल्ड वेलफेयर कमिटी ने ढाई माह से गुम हुई बालिका को मिलाया परिजनों से, बह निकले आंसू

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झाबुआ लाइव के लिए दाहोद (गुजरात) से ब्यूरो चीफ राजेंद्र शर्मा की रिपोर्ट-
अंकलेश्वर मजदूरी पर गई अपनी माता से मिलने ढाई महीने पूर्व दाहोद से अंकलेश्वर जाने के लिए ट्रेन में रवाना हुई थी परंतु अंकलेश्वर के बजाय कर्नाटक राज्य के बैंगलोर सिटी में पहुंची 12 वर्षीय बालिका को दाहोद वापस लाने की सराहनीय कार्य और बैंगलोर के ’साथी’ नामक संस्था के पास से स्वीकृति लेकर बैंगलोर स्पेशल जुवेनाइल पुलिस यूनिट के महिला अफसरों द्वारा दाहोद आने के बाद कलेक्टर रंजिथ कुमार की उपस्थिति में दाहोद निवासी परिजनों को कलेक्टरोरेट में बुलाकर 12 वर्षीय बालिका को परिजनों को सौंपते ही उपस्थित परिजनों की आंखों में आंसू बह निकले। बालिका की माता से कलेक्टर ने बातचीत कर सरकारी योजना के तहत हरसंभव मदद करने हेतु विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए। मिली जानकारी अनुसार दाहोद श्मशान रोड के निवासी दिनेश फतियाभाई वोहनिया की भाटवाडा प्राथमिक स्कूल में पढ़ाई कर रही 12 वर्षीय सुपुत्री अंकलेश्वर मजदूरी के लिए पर गई अपनी माता से मिलने ढाई महीने पूर्व दाहोद से अंकलेश्वर जाने के लिए ट्रेन में बैठी, परंतु उसे नहीं पता था कि ट्रेन अंकलेश्वर नहीं बल्कि बैंगलोर जा रही है। हुआ भी यही ट्रेन अंकलेश्वर के बजाय कर्नाटक राज्य के बैंगलोर सिटी में जा पहुंची भाषा और अंजान शहर में पहुंचकर इधर-उधर भटक रही थी। बालिका को परिवार से बिछडे भूले भटके बालको को आश्रय देकर उनका काउंसिलिंग कर वापस अपने घर तक पहुंचाने का भगीरथी और नेक कार्य करती संस्था ‘साथी’ के कर्मचारियों की नजर इस बालिका पर पडी तभी इस बालिका को अपने कार्यालय पर ले जाकर कई दिनों तक पूछताछ करने पर भाषा की जानकारी के अभाव के कारण कोई ठोस जानकारी न मिलने पर आखिर मे संस्था ने गुजराती भाषा के जानकार की मदद लेकर पूछताछ करने पर बालिका ने अपना पता ठिकाना दाहोद गुजरात बताने पर यह सेवाभावी संस्था ‘साथी’ ने यह बालिका को बैंगलोर शहर के गल्र्स चिल्ड्रंस होम को सौंप दी गयी थी बाद में गल्र्स चिल्ड्रंस होम नामक संस्था ने दाहोद बाल सुरक्षा एकम का संपर्क कर बालिका द्वारा बताये गये पते पर जाकर पता सही निकलने पर बालिका को वापस लाने का आश्वासन दिया था । उसके बाद बालिका को बैंगलोर से वापस लाने के प्रयास किए परंतु इस बालिका को बैंगलोर से दाहोद वापस लाने हेतु एस्कॉर्ट मिल नहीं रही थी जिसके कारण इस मुद्दे को लेकर जिला बाल सुरक्षा एकम के अध्यक्ष ने पूरी घटना से दाहोद कलेक्टर को अवगत कराया। इसके बाद कलेक्टर ने बैंगलोर शहर के कलेक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक से वार्तालाप कर यह बालिका को वापस लाने के प्रयास शुरू करे जिसके फलस्वरूप बैंगलोर महिला एवं बाल विकास निगम के डायरेक्टर दिव्या मेडम ने चिल्ड्रन होम दाहोद के अध्यक्ष एवं चाइल्ड वेलफेयर कमिटी का संपर्क कर इस बालिका को दाहोद वापस भेजकर अपने परिजनों को सुपूर्दगी का आदेश पाकर बैंगलोर स्पेशल जुवेनाइल पुलिस यूनिट की महिला ऑफिसर कविता भोजराज एवं आयशा बानु ने ट्रेन द्वारा आज दाहोद कलेक्टर ऑफिस में आकर कलेक्टर की उपस्थिति में जिला समाज सुरक्षा अधिकारी, चिल्ड्रन होम दाहोद एवं चाइल्ड वेलफेयर कमिटी दाहोद के आदेश से इस बालिका को अपने परिजनों से पुन: मिलन कराया गया जिससे वहा उपस्थित सभी की आंखों में आंसू बह निकले।

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