पुरातत्व विभाग ने प्राचीन फुटा मंदिर के सरंक्षण के लिए किया कार्य प्रारंभ

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– मंदिर में स्थित भगवान भोलेनाथ का लिंग आस्था का केंद्र
मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों की कटिंग का कार्य प्रारंभ.

झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
पंपावती नदी के तट पर बसे प्राचीन फुटा मंदिर की और पुरातत्व विभाग द्वारा देखा और स्थान के नवनिर्माण और उसे सहजने की दिशा में पहल प्रारंभ कर दी गई है। पुरातत्व एवं अभिलेखागार एवं संग्राहलय विभाग द्वारा मंदिर की पीछे की हिस्से की दीवारे जो की पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो चुकी है उनकी मरम्मत के लिए नवीन पत्थर लगाने का कार्य प्रारंभ किया है तथा जमीनी स्तर पर कमजोर हो रही नींव को संरक्षण देने के लिए भी कार्य करने की योजना बनाई है। इसी क्रम में पत्थरों की कंटिग का कार्य प्रारंभ हो चुका है जिसे ठेकेदार के माध्यम से किया जा रहा है। मंदिर की सुरक्षा को लेकर ओर भी कार्य पुरातत्व विभाग द्वारा किए जाएंगे। इस संबंध में विभाग के इंजीनियर विकास जैन से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि विभाग के द्वारा अभी तो प्रथम चरण में मंदिर के पीछे की दीवार जो की पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो चुकी है उसके रिपेयरिंग व पोटेक्शन का कार्य किया जा रहा है आगे भी ओर कार्य किया जाएगा।
पहुंच मार्ग की समस्या
इस पुरातत्वीक धरोहर तक पहुंचे के लिए श्रद्वालुओं को भारी समस्या का सामना करना पड़ता है क्योंकि यहां तक के पहुंच मार्गों पर अतिक्रमण हो चुका है। एक समय में जो मार्ग अत्यधिक जोड़े ओर खुले थे वहां आज पगडंडी हो चुकी है जिस कारण इस स्थान की देखरेख करने वालों की कमी आई है। फुटा मंदिर पर प्रारंभ हुए कार्य से नागरिकोंं में आश जगी है कि आने वाले समय में रास्ता भी सुगम हो जाएगा।
पत्थरों पर टीका मंदिर.
फूटा मंदिर का धार्मिक महत्व के साथ एक ओर महत्व है कि यह मंदिर बिना जुडाई के पत्थरों पर एक दूसरे के सहारे टिका हुआ है जिसमें किसी प्रकार का सपोर्ट या जुडाई नहीं है इसमें केवल एक पत्थर दूसरे पत्थर पर रखा हुआ है। यह मंदिर वर्षों से इसी स्थिति में है। इसके इतिहास के बारे में भी कई किवंदतियां चलती है किंतु इसका वास्तविक इतिहास कोई नहीं जानता है।
मंदिर का महत्व.
इसके साथ ही फुटा मंदिर में भगवान भोलेनाथ का लिंग स्थापित है जिसे चमत्कारिक माना जाता है कई लोगों के श्रद्वा व आस्था का केंद्र है। महाशिवरात्रि से इस मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य प्रारंभ होने से भक्तों में भी उत्साह का माहौल है।

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