पांच दिवसीय पतंजलि योग पीठ हरिद्वार के शिविर में ग्रामीणों ने सीखी योग क्रियाएं

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झाबुआ लाइव के लिए मदरानी से हितेन्द्र पंचाल की रिपोर्ट-
पतंजलि योग पीठ हरिद्वार द्वारा पांच दिवसीय योग शिविर 6 से 10 फरवरी तक ग्राम अलीपुरा में आयोजित किया गया। पतंजलि योग पीठ हरिद्वार द्वारा ग्रामवासियों के सहयोग से शनिवार को प्रात: काल 7.30 से 9 बजे तक योग शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें पतंजलि योग पीठ हरिद्वार से आचार्य विश्वामित्रार्य पुनाराम साहू, योगाचार्य साधक एवं साधिकाओं को आसन, प्राणायाम, सूक्ष्म क्रिया, स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग, वेद, दर्शन, उपनिशद आदि की समान्य जानकारी तथा एक्यूप्रेशर से लगभग 60 लोगों ने लाभ लिया। इस शिविर में में दिलीप मुणिया, मनीष सिंघाड़, टीनू सिंघाड़, वदहींग सिंघाड़, रामसिंह मुणिया, दिनेश मुणिया, रूपा मुणिया, अनिल सिंघाड़ आदि के हाथों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर आज का शिविर का शुभारंभ किया गया।
योग व नैतिक शिक्षा
प्राथमिक विद्यालय में भी योग व नैतिक शिक्षा का भी आयोजन किया गया जिसमें सारे बच्चों को उन के सर्वांगीण विकास के लिए शारीरिक बौद्धिक एवं आत्मिक शिक्षाएं भी दी गई। सभी को योग से संबंधित बातें सूर्य नमस्कार एवं खड़े होकर किए जाने वाले आसनों को भी बताया गया वहां के आचार्यश्री ने भी इस कार्यक्रम की बड़े ही प्रशंसा की और योग यज्ञ को करने के लिए संकल्पबद्ध हुए अंत में प्रधानाचार्य महोदय ने आभार व्यक्त करते हुए शुभकामनाएं दी। आज गोरिया खानदान में योग जागरण रैली का आयोजन किया गया जिसमें स्कूली बच्चे एवं ग्रामीण जनों ने सहयोग कर योग जागरण रैली का संदेश दिया कल से सुबह 6 बजे से योग शिविर का आयोजन किया जा रहा है जिसमें सभी ग्रामीण आदिवासी भाइयों को आमंत्रित किया गया। आरोग्य सभा डूंगरी फलिया में आरोग्य सभा का आयोजन किया गया जिसमें ग्रामीण जनों ने देसी जड़ी बूटी आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में तथा घरेलू उपचार एवं खान पान के बारे में जानकारियां प्राप्त की ।
वेद स्वाध्याय
ओ3म् असृक्षत प्रवाजिनो गव्या सोमासो अश्वया। शुक्रासो वीरयाशव: । शुम्भामाना ऋतायुभिर्मृज्यमाना गभस्त्यो: पबन्ते वारे अव्यये’ उत्तरार्चिक अष्टम: खण्ड: सामवेद भावार्थ: बलशाली शुद्ध एवं तीव्र परमानंद वीर रस ज्ञान की ज्योति शक्ति की तीव्रता और विजय शिव शक्तियों को प्राप्त कराने वाले वह परमपिता परमात्मा परम सत्य के इच्छुक साधकों से स्तुति एवं ज्ञान की किरणों में परिष्कृत किए गए परमानंद रस चिती के आवरण से परे हो जाते हैं सोम समर्पण की भावना से भावित साधक को प्रकाश लोग पृथ्वी लोग और अंतरिक्ष लोग के ऐश्वर्य प्राप्त कराता है। इस शिविर के समापन हुआए जिसमें अलिपुरा के सभी शिविरार्थी आदिवासी माताओं बहनों एवं सज्जन पुरुषों के द्वारा यज्ञ में आहुतियां देकर योग यज्ञ करने का संकल्प लिया।

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