कडकनाथ मुर्गे को लेकर अब मध्यप्रदेश- छत्तीसगढ मे कानूनी लडाई छिडने जा रही है । झाबुआ कलेक्टर के कान खडे होने के बाद अब उन्होंने सरकार को चिट्ठी लिखकर जगाया है ।
@अशोक बलसोरा
क्या कडकनाथ मुर्गा “झाबुआ ” का नहीं छत्तीसगढ का है ? ओर क्या छत्तीसगढ “कडकनाथ ” का जीआई टैग हासिल कर कडकनाथ को छत्तीसगढ के दंतेवाड़ा का ब्रिड है यह साबित कर देगा ? हम यह सवाल इसलिए उठा रहे है क्योकि मध्यप्रदेश सरकार की सुस्ती के चलते अब छत्तीसगढ सरकार कडकनाथ को दंतेवाड़ा का बताकर जीआई टैग हासिल करने की तैयारी मे है ओर दिक्कत की बात यह है कि खुद ” फिक्की ” जैसा संगठन इस काय॔ मे छत्तीसगढ सरकार की मदद कर रहा है दंतेवाडा के कलेक्टर ” सोरभ कुमार ” इस मिशन मे प्राण प्रण से जुडे है ।
आवेदन करने के बाद ” पशुपालन विभाग ” बैठा है खामोश
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दरअसल “झाबुआ के कडकनाथ ” के नाम से 2014 मे केवीके झाबुआ के साथ कडकनाथ प्रोजेक्ट पर काम कर रही संस्था ” GVT” ने आवेदन नंबर 378 के जरिए ” भोगोलिक संकेतक पंजीयन ” कार्यालय मे आवेदन किया था जिसके बाद हुए पत्राचार मे मध्यप्रदेश का पशुपालन विभाग भी इस प्रक्रिया मे शामिल हुआ था । मगर उसके बाद किसी ने ज्यादा रुची नहीं ली ओर इधर छत्तीसगढ मे मिलता जुलता वातावरण मिलने से जाब से गये कडकनाथ के चूजे जब विकसित हुए तो वहां कि सरकार ने स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ओर कई हेचरीयों के माध्यम से व्यापक उत्पादन शुरु किया ओर फिर दंतेवाड़ा की कृषी उत्पाद कंपनी ” भूमिवाडी” को जीआई टैग के लिए आवेदन के लिए तैयार कर कडकनाथ का जीआई टैग हासिल करने की शुरुआती रणनीति पर काम करना शुरु कर दिया ।
समय रहते ” अलट॔ ” हुए झाबुआ कलेक्टर ; पत्र लिखकर जगाया सरकार को ।
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जैसै ही विभिन्न समाचार माध्यम के जरिए झाबुआ कलेक्टर को छत्तीसगढ द्वारा कडकनाथ को खुद का मुर्गा साबित करने के प्रयासों की भनक लगी वैसी ही कलेक्टर झाबुआ आशीष सक्सेना के कान खडे हुए ओर उन्होंने तत्काल पशुपालन विभाग के प्रमूख सचिव अजीत केसरी को चिट्ठी लिखकर ” झाबुआ के कडकनाथ ” के जीआई टैग एप्लीकेशन नंबर 378 पर तुरंत संज्ञान लेने का आग्रह छत्तीसगढ सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए लिखी । जिसके बाद आज मध्यप्रदेश सरकार का पशुपालन विभाग हरकत मे आया ओर भोगोलिक संकेतक कार्यालय से संवाद स्थापित किया गया ।
झाबुआ से ले गये थे चुजे
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झाबुआ के केवीके के निदेशक डा आई एस तोमर छत्तीसगढ सरकार या दंतेवाड़ा जिला प्रशाशन के कडकनाथ उनके यहाँ का ब्रिड होने के दावों को खारिज करते हुए कहते है कि यह हास्यापद है क्योकि हमारी युनिट भारत सरकार ने खोली है ओर जीवीटी उस समय हमारे साथ थी इसलिए जीवीटी की ओर से आवेदन गया है । डा तोमर के अनुसार वह खुद सारे देश मे कडकनाथ चुजे भेजते है डा तोमर के अनुसार हमारे यहाँ उमेश साहु नामक एक कम॔चारी थे जो 5 साल पहले तबादला होकर छत्तीसगढ के दंतेवाड़ा गये थे ओर यहाँ से 1000 चुजे उन्होंने बुलाकर काम शुरु किया था अब ब्रिड पर दावा कर रहे है यह गलत है डा तोमर का कहना है कि छत्तीसगढ का दावा खारिज होगा क्योकि हमारे पास इतने दस्तावेजी सबूत है कि वह कानूनी लडाई मे टिक नहीं पायेंगे ।
जीवीटी बोलीं – आवेदन निरस्त होगा छत्तीसगढ का ।
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इस पूरे मामले मे आवेदन करने वाली जीवीटी की फोजिया करीम कहती है कि हमने विधिवत 2014 मे आवेदन किया है नियमानुसार हमारे आवेदन के चलते उनका आवेदन हो नहीं सकता । इसलिए कडकनाथ झाबुआ का ही घोषित होगा ओर जल्दी इसे जीआई टैग मिलेगा ।