दाडिया आश्रम छात्रावास में अव्यवस्थाओं के बीच पढ़ाई को मजबूर नौनिहाल

0

झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
सरकार गरीब आदिवासी बच्चों को पढ़ाने के लिए सुविधाएं प्रदान कर रही है और उनके लिए अधिक से अधिक पैसा दे रही है किंतु इन्हें क्रियान्वयन करने वाले जमीन कर्मचारी उसे सही रूप में क्रियान्वित नहीं होने दे रहे है जिस कारण से गरीब आदिवासी बच्चों के लिए जो योजनाओं की राशि आ रही है, वह उन तक नहीं पहुंच पा रहे है। इस प्रकार की स्थिति दाडिय़ा आश्रम छात्रावास में देखी जा सकती है। ग्राम दाडिय़ा स्थित छात्रावास की स्थिति काफी दयनीय है जहां पर टूटी फूटी इलेक्ट्रिकल कनेक्शन, पानी की मोटर के तार खुले पड़े है यहां तक की अधीक्षक भी यहां पर निवास नहीं करता है, जिस कारण इस दाडिय़ा आश्रम की हालत दयनीय हो रही है। बच्चें जैसे कैसे यहां रह कर पढ़ाई करते है। पंखों की स्थिति इस प्रकार की हो गई है कि वे बाबा आदम के जमाने के लग रहे है यहां पर दर्ज बच्चों की संख्या 80 है जब हमारा प्रतिनिधि दाडिय़ा आश्रम में पहुंचा तो वहां केवल 40 से 45 बच्चें उपस्थित थे। बच्चों की अधिक संख्या दिखाकर उनके नाम से राशि आहरण की जा रही है। यहीं नहीं बच्चों को दी जाने वाली सामग्री के लिए खाते में पैसे जमा करवा दिए तो अधीक्षक के द्वारा 700 रूपए निकालकर छात्रों को मात्र एक कंबल 2 तकिए के कवर ही दिए गए नए छात्रों को शासन द्वारा 4000 रूपए दिए गए है उनको पुराना सामान दिए गए जबकि शासन से नए सामान के पैसे आए। अधीक्षक के छात्रावास में निवास नहीं करने से बच्चों में अनुशासन भी नहीं है। पलंग पर ही उनका सामना अस्त व्यस्त पड़ा रहता है। इस कारण कई अव्यवस्थाएं भी होती है। बच्चों का कहना है कि कई बार कोई बच्चा बीमार हो जाता है तो परेशानी का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों को कहना है कि दाडिया आश्रम की व्यवस्था सुधारने के लिए अधिकारियों को प्रयास करना चाहिए। क्षेत्र के इस पुराने आश्रम छात्रावास में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है जिससे बच्चें परेशान होते हैं। छात्रावास के बच्चों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अक्षीक्षक यहां निवास ही नहीं करते है। अधीक्षक कक्ष में हमेशा ताला लगा रहता है। वहीं पुराना भवन भी अस्त व्यस्त हो रहा है हमारे पैसे निकलवाकर अधीक्षक रख लेते है। इस संबंध में अधीक्षक विक्रम भाबर का कहना है कि ऐसी कोई स्थिति नहीं है दूसरे लोग हमसे जलते इस लिए इस प्रकार की भ्रामक जानकारी फैला रहे है। इस संबंध में संकुल प्राचार्य पीटर रेबेलो का कहना है कि इस मामले में आप बीईओ से शिकायत करे यदि कोई कार्रवाई नहीं होती है तो इस मामले में दिखवाता हूूं।

– इस प्रकार पंखे टूटे लटके हुए है, लाइट के बोर्ड खुले पड़े है बच्चों की लिए खतरनाक है, अधीक्षक निवास पर हमेशा ताला लटका रहता है, इस प्रकार सामान बिखरा पड़ा रहता है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.