झाबुआ/ अलीराजपुर लाइव डेस्क ।।
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रतलाम संसदीय क्षेत्र पहली बार उपचुनाव मे शामिल होने जा रहा है सांसद भूरिया के आकस्मिक निधन से रिक्त हुई रतलाम – झाबुआ लोकसभा क्षेत्र सीट पर अब 6 माह के भीतर यानी दिसंबर के पहले चुनाव होने है आयोग के जानकारो के अनुसार नवंबर माह में लोकसभा के उप चुनाव का मतदान संभव है । अब सांसद दिलीपसिंह भूरिया के निधन के बाद अब रतलाम लोकसभा का क्या सीन बनेगा ? कोन होगा भाजपा / कांग्रेस का उम्मीदवार ? क्या क्या चुनोतिया होगी कांग्रेस ओर भाजपा के सामने पढिए हमारी इस खास पड़ताल में ।
फिर से आमने सामने होगे भूरिया परिवार !
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आगामी लोकसभा उपचुनाव मे एक बार फिर मोरडूडिया ओर माछलिया के भूरिया परिवार के बीच ही होगा । कांग्रेस से कांतिलाल भूरिया कांड चुनाव लडना तय है 99% चुनाव कांतिलाल भूरिया ही लडेंगे वही 1% संभावना अचानक उनके बेटे डा विक्रांत भूरिया के लडाऐ जाने की है वही भाजपा आलाकमान ने तय कर लिया है कि निर्मला भूरिया जो कि पेटलावद से भाजपा विधायक है उन्हें ही भाजपा अपना उम्मीदवार बनाकर सहानुभूति लहर का फायदा उठाना चाहेगी । जिस तरह से स्वर्गीय भूरिया की अंतिम यात्रा जिले के तहसील मुख्यालयो मे ले जाई गयी उसका संदेश साफ था ।
इसलिए लगेगी निर्मला भूरिया
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अगले उपचुनाव मे निर्मला भूरिया ही भाजपा की उम्मीदवार होगी उसके कारण यह है —
1)–निर्मला पांच बार से पेटलावद विधायक है ओर बेदाग छवि की है ।
2)–निर्मला राजनीति मे माछलिया के भूरिया परिवार की स्वाभाविक वारिस है जनता की नजर में ।
3)–निर्मला भूरिया को गंभीर बीमारी होने की बात कोरी अफवाह है वे पूरी तरह स्वस्थ है ।
4)–तीनो जिलो में उनके नाम पर कोई विरोध नही है ।
5)–कांग्रेस का उम्मीदवार भील आदिवासी समाज का होगा इसलिए भाजपा कोई भी भील जनजाति का उम्मीदवार देना होगा ओर निर्मला इस सोशल इंजीनियरिंग में फिट बैठती है ।
6)–मोदी ओर शिवराजसिंह सहित पूरी भाजपा निर्मला के साथ खडी है
कडा मुकाबला होने के आसार
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उपचुनाव मे कांग्रेस ओर भाजपा के बीच कोडा मुकाबला होने के आसार है कांतिलाल भूरिया को एक बार फिर मुख्य धारा मे आने का यह उपचुनाव एक अवसर है ओर पंचायत चुनाव के बाद भाजपा कमजोर हुई है इस कारण कांग्रेस को लगता है कि यह बेहतर अवसर है उनके लिए वापसी का ।
यह चुनोतिया होगी कांग्रेस के सामने
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आगामी उपचुनाव मे कांग्रेस की राह आसान नही होगी उसके सामने कुछ चुनोतिया होगी जिससे पार पाना आसान नही है आइये इन बिंदुओ से समझते है कांग्रेस की इन चुनौतीयों को ।
1)–अब केंद ओर राज्य मे भाजपा सरकार है ओर दोनो सरकारो के लिऐ यह सीट नाक का सवाल होगी । उपचुनाव मे इतिहास 95% सत्तारुण दल के पक्ष मे रहते है ।
2)- मोदी की रैली झाबुआ मे तो अमित शाह की रतलाम ओर राजनाथ या सुषमा की अलीराजपुर जिले मे होगी ।
3)–शिवराजसिंह खुद रतलाम संसदीय क्षेत्र के आठ विधानसभा क्षेत्रो मे दो दो रैलिया करेंगे ।
4)– हर विधानसभा सीट पर शिव सरकार के दो दो मंत्री प्रभारी बनाए जा सकते है ।
5)–संघ के 2000 से ज्यादा स्वयंसेवक गाव ओर फलिया मे डेरा डालेंगे ।
6)–रतलाम ओर अलीराजपुर जिले मे कांग्रेस बेहद कमजोर है झाबुआ मे कांग्रेस ठीक है ।
7)–उप चुनाव मे कांग्रेस को सरकारी मैदानी अमले को भी भाजपा की मदद करने से रोकना बडी चुनोती होगी । यह भी देखना होगा कि कही आँगनवाड़ी कार्यकर्ता , पटवारी , शिक्षक आदि अघोषित भाजपा कार्यकर्ता ना बन जाये ।
भाजपा के लिऐ यह चुनोतिया होगी
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1)–झाबुआ जिले के तीनो विधानसभा झाबुआ/थादंला/ पेटलावद मे भाजपा की हालत इन दिनो खराब है । कांग्रेस यहा भाजपा पर भारी है ।
2)– भाजपा संगठन विगत दिनो विवादो से जूझता रहा है कांग्रेस इन विवादो को मुद्दा बनाएगी ।
3)–भाजपा मे गुटबाजी है झाबुआ ओथ रतलाम जिले मे ।हिम्मत कोठारी पर पहले भी पिछले दरवाजे से कांग्रेस की मदद के आरोप लगे चुके है ।
4)–कांतिलाल भूरिया आक्रमक ओर घाघ राजनीतिज्ञ है उनकी रणनीति से निपटना आसान नही है ।
दोनो ने शुरु की तैयारिया
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अंदरखाने की खबर यह है कि भाजपा ओर कांग्रेस ने आगामी उपचुनाव के लिए गोमिया चलनी शुरु कर दी है सुत्र बता रहे है कि भाजपा पहले अपने संगठन को दुरुस्त करने मे लगे गया है ओर निर्मला को कह दिया गया है कि उन्हें राजनीतिक विरासत संभालनी है । वही कांग्रेस ने अपने नेताओ ओर कार्यकर्ताओ को लाइन अप करना शुरु करने दिया है । आगामी 15 दिनो बाद आपको काँग्रेस के खाद बीज ओर किसानो से संबंधित मुददे पर आंदोलन होते दिखाई देगे ।