मामाजी और मेरा एक ही मकसद है गरीबों का उत्थान व उनमें फैली कुरीतियों को खत्म करना : मेधा पाटकर

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मेधा पाटकर का स्वगात करते हुए नगरवासी

झाबुआ लाइव के लिए बामनिया से लोकेंद्र चाणोदिया की रिपोर्ट-
मामा बालेश्वर दयाल की 19वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए सोमवार शाम ख्यात सामजिक कार्यकर्ता व समाज सुधारक मेधा पाटकर बामनिया स्थित मामाजी की समाधि स्थल पहुंची मीडिया से चर्चा में पाटकर ने कहा कि मैं भी मामजी के द्वारा बताए गए मार्ग पर चलती हूं और इन्हीं उद्देश्यों को आगे भी पूरा करना है। उन्होंने कहा कि मेरी लड़ाई मैं और मामाजी कभी साथ नहीं रहे, लेकिन हम दोनों का उद्देश्य एक ही है गरीब आदिवासियों का उत्थान व विकास करना और समाज में फैली कुरीतियों को खत्म करना, यहां आने पर पता चला कि इस क्षेत्र में वन अधिनियम सही तरीके से लागू नहीं किया गया है, हम अपने साथियों के साथ मिलकर इसे लागू करवाने के प्रयास करेंगे। मीडिया के उनस पूछने पर कि राज्य शासन उन्हें कोई सुरक्षाक्यों प्रदान नहीं करता तो उन्होंने कहा कि सुरक्षाकी जरूरत राज्य सरकार है हमें नहीं, जो हादसा पेटलावद में हुआ था वह बड़ा ही दर्दनाक था, उस समय मेरे सुप्रीम कोर्ट में कई मामले चल रहे थे इस वजह से मैं आ नहीं पाई किंतु आने वाले पेटलवाद हादसे की श्रेाजंलि दिवस के पहले मैं एक बड़े आंदोलन की तैयारी कंरूगी। इस दौरान उनके साथ डॉ सुनीलम्, हरिओम सूर्यवंशी, राजेश वैरागी, गोविंद यादव, सत्यनारायण शर्मा, कमलेश पावेचा, तोलसिंह भूरिया सहि बड़ी संख्याा में अनुयायी आदि साथ थेण्। इस दौरान बामनिया पहुंचने पर मुख्य चौराहे पर समाजसेवी भंवरलाल बाफना, राजेश लुणावत, मनोज जैन, लोकेंद्र चाणोदिया, मंगलेश भंडारी, सोनू अग्रवाल आदि ने उनका पुष्पमाला से स्वागत किया।

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