मध्य प्रदेश सरकार जहां रोजगार उपलब्ध कराने के नाम पर बड़े बड़े दावें कर रही है तो प्रदेश में ऐसे भी लोग कम नहीं है जो रोजगार दिलाने के नाम पर बेरोजगारों के साथ ठगी कर रहे है। झाबुआ आजतक एक ऐसे ही मामले का खुलासा करने जा रहा है जहां एक शिक्षक, जिसकी जिम्मेदारी समाज को नयी रोशनी और नयी राह दिखाने की होती है, वो ही बेरोजगारों के साथ छलाव करने के आरोप में कटघरे में खड़ा है।
मामला अलीराजपुर जिले के चन्द्रशेखर आजाद नगर का है। यहां माध्यमिक विद्यालय भूराघाटा के शिक्षक पर इलाके के बेरोजगार युवाओं को रोजगार के नाम पर सपने दिखाकर लाखों रूपए ठगने का आरोप लगा है। आजाद नगर पुलिस थाने पर शनिवार को कुछ ऐसी ही शिकायत की गई है। थाने पर कुल चार शिकायत की गई है जिसमें शिक्षक मनोज चंगोड़ पर धोखाधाड़ी के आरोप लगाए गए है। शिकायत के साथ ही सबूत के तौर पर कुछ दस्तावेज पुलिस को सौंपे गए हैं, जिसमें नकली नियुक्ति आदेश पत्र दिखाकर रूपए ठगने की बात सामने आ रही है। पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है और तमाम दस्तावेजों को वेरीफाई किया जा रहा है।
कौन शिक्षक बने आसान शिकारः
यूं तो कई बेरोजगारों को चूना लगाने का आरोप मनोज पर विगत एक साल से लगता रहा है। पूर्व में यह शिक्षक जनशिक्षक की भूमिका निभाता था, लेकिन विवाद बढऩे पर इसे माध्यमिक विद्यालय भूराघाटा में पदस्थ कर दिया गया। सूत्रों के अनुसार इलाके के कई बेरोजगारों से इस शिक्षक ने सरकारी नौकरी दिलवाने के नाम पर लाखों रुपए ऐंठे हैं लेकिन कई लोग खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं। लेकिन यह चार युवक साहसी निकले और उन्होंने थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
- वीरसिंह पिता वालिया निवासी बडग़ांव (इसे सरकारी शिक्षक बनाने के नाम पर मनोज ने डेढ़ लाख रुपए ले लिए और यह रकम अपनी चांदी गिरवी रखकर वीरसिंह और उसके परिजनों ने चुकाई न तो नौकरी मिली और न ही वीरसिंह को अपनी राशि वापस मिल रही है। मांगने पर मनोज अपने आपको नेताओं एवं अधिकारियों का करीबी बताकर रसूख झाड़ रहा है।
- सिकंदर पिता महेंद्रसिंह निवासी छोटीपोल: इस युवक ने भी अपने जेवरात गिरवी रखकर डेढ़ लाख रुपए का इंतजाम किया था। उम्मीद थी की नौकरी मिल जाएगी तो दाल-रोटी का व्यवस्था आसान हो जाएगी, लेकिन अब दाल-रोटी ही खतरे में पड़ गई है। क्योंकि नहीं नौकरी मिली और न ही शिक्षक मनोज को दिया गया रुपया वापस मिल रहा है। अगर मिल रही है तो शिक्षक की और से धमकियां।
- सुरपसिंह छोटीपोल गांव का रहने वाला है उसे भी छोटी मोटी सरकारी नौकारी का वादा कर सरकारी शिक्षका ने 60 हजार रुपए अग्रिम ले लिए थे। वादा था जब आदेश दिया जाएगा तब शेष रकम देनी होगी। लेकिन न तो आदेश मिला और न ही 60 हजार रुपए दी गई रकम।
- करमसिंह पिता हरमल निवासी छोटी पोल- करमसिंह भी उन बेरोजगारों में शामिल हैं जिसने बेहतर भविष्य की उम्मीद में डेढ़ लाख रुपए शिक्षका मनोज चंगोड़ को सौंप दिए थे। उसे भरोसा था कि शिक्षक शायद जैसा अपना रसूख बता रहा है तो उसका काम बन जाए, लेकिन सरकारी नौकरी का यह लालच करमसिंह को भी ले डूबा और अब उसके डेढ़ लाख रुपए खतरे में है।
सुनिए आरोपी शिक्षक की सफाई:
“जो लोग आरोप लगा रहे हैं दरअसल वे खुद ही दलाल है और नौकरी के नाम पर दलाली खाते हैं। आपको छापना हो तो छाप दीजिए और चाहों तो बैठकर बात कर लेते है।”
मनोज चंगोड़, आरोपी शिक्षक
यह बोले पुलिस अधिकारीः
“मामला गंभीर है इन पीडि़त लड़कों को मेरे पास भेजिए। इनकी बात सुनकर ठोस कार्रवाई की जाएगी। थाने से मैं जानकारी हासिल करता हूं।”
श्री अखिलेश झा, पुलिस अधीक्षक, अलीराजपुर