अंचल मे टाइगर की आहट ; वन विभाग ने लगाए नाइट विजन कैमरै ; आज किसका हुआ शिकार देखिए इस खबर मे

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झाबुआ लाइन के लिए खवासा से अर्पित चोपड़ा & लोकेंद्र चाणोदिया की रिपोर्ट 

धार-झाबुआ जिले से जुड़े सरहदी इलाके में माही नदी के तटीय क्षेत्र में बाघ होने के संकेत के चलते वन विभाग का अमला बेहद सक्रिय हो गया है तथा जहां जहाँ बाघ से मिलते जुलते पगमार्क दिखाई दिए है उस क्षेत्र में विभाग कड़ी नजर रखे हुए है। वन विभाग के विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार वन विभाग के इस क्षेत्र में माही के तटीय इलाके कसारबर्डी (पेटलावद विकासखंड, जिला झाबुआ) क्षेत्र में बाघ के होने का अनुमान इससे भी लगाया जा रहा है कि कसारबर्डी के निनामा फलिये में अम्बाराम गोपाल निनामा नामक किसान के एक बछड़े का शिकार किसी जंगली पशु द्वारा किया जाना पाया गया है।

इससे विभाग अपने अनुमान के प्रति उत्साहित है कि हो ना हो यह शिकार संभवतः बाघ ने किया हो। पर अभी तक बाघ को किसी ने भी अपनी नजरों से नहीं देखा है। पगमार्क और बछड़े का शिकार बाघ होने का सिर्फ कयास है, बाघ की उपस्थिति की पुष्टि होना अभी बाकी है। बाघ के संभावित विचरण क्षेत्र में निगरानी रखने के लिए विभाग द्वारा नाइट विजन कैमरे, विशेषज्ञ टीम व अपने अमले को लगाया गया है । कसारबर्डी में बछड़े का शिकार कर आधा हिस्सा खाया हुआ है बाकी आधा हिस्सा पड़ा हुआ है । बचे आधे हिस्से को खाने के लिए बाघ के पुनः वहां आने की संभावना को देखते हुए वन विभाग की टीम ने बछड़े के शिकार स्थल के पास नाइट विजन कैमरे लगाए है । सुबह तक बाघ के होने या नहीं होने की स्थिति स्पष्ट होने की संभावना है ।


रतलाम-बांसवाड़ा-झाबुआ जिले की सरहदों से जुड़ा खवासा क्षेत्र भी बाघ का विचरण क्षेत्र रहा है। इससे बाघ के इस क्षेत्र के जंगलों में भी आने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है । इसी बीच कलेक्टर ने हिम्मतगढ़, सारंगी, मठमठ, हनुमंतिया, मांडन, तीखी, चावरिया और कसारबर्डी में रात में अकेले ना निकलने की मुनादी करवाने का आदेश जारी किया है।

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