ईद मीलादुन्नबी पर निकला जुलूस, शहर में गूंजा या रसुलल्लाह का नारा

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झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-
शनिवार को ईद मीलादुन्नबी का पर्व मुस्लिम समाज ने धूमधाम से मनाया। इस दौरान गौसिया जामा मस्जिद से सुबह 9 बजे सभी समाजजन और मदरसा मुस्तुफाइया थांदला के बच्चे जुटे और एक जुलूस की शक्ल में मौलाना इस्माइल साहब बरकाती जेरे सरपरस्ती और सदर कदरुद्दीन शेख के नेतृत्व में निकला। जुलूस में नातख्वां अमीनुद्दीन काजी, अब्दुल हक खान निजामी, मोहसिन खान, रिजवान खान ने अपनी दिलकश आवाज में हुजूर सल्ललाहो अलैह की शान में नात पढ़ी। वही जुलूस के दौरान मदरसे के बच्चे एक जैसी यूनिफार्म में हाथों में झंडे लिए हुए नारे तकबीर के नारे बुलंद करते हुए चल रहे थे। जुलूस शहर के मुख्य मार्गों से होकर गुजरा, जगह-जगह समाजजनों ने इस्तकबाल के लिए स्टाल लगाकर मिठाइयां बांटी व जुलूस का स्वागत किया। गांधीचौक में जुलूस का स्वागत पूर्व विधायक वीरसिंह भूरिया ने एवं वागडिया फलिया पर थांदला के प्रथम नागरिक बंटी डामोर एवं अरविंद रुनवाल ने किया। इसी के साथ जुलूस पुन: गौसिया मस्जिद के निजामी गार्डन पहुंचा, जहां पर समारोहपूर्वक मुस्लिम पंच थांदला की ओर से सभी औलमाओं का गुलपोशी कर इस्तकबाल किया गया। इस दौरान फातेहा हुआ जिसमें देश में अमन-चैन, खुशहाली क दुआओं की गई और तबर्ररुक तक्सीम किया गया। कार्यक्रम का संचालन अब्दुल हक खान निजामी ने किया। वही गौसिया मस्जिद मूए-मुबारक को जियारत के लिए रखा गया।
बच्चों को तक्सीम की यूनिफार्म-
मदरसा मुस्तुफाइया थांदला में पढऩे वाले बच्चों को हाजी सत्तरभाई छीपा, शहजाद कुरैशी, आबिद गौरी, मुन्नाभाई टेलर, इरफान खान की ओर से 215 बच्चों को मदसरे में एक कार्यक्रम आयोजित कर बच्चों को यूनिफार्म बांटी गई। जिसे समाजजन ने खूब सराहा। इस दौरान मदरसे के बच्चों ने जश्ने मोहसिने इंसानियत के अंतर्गत नातख्वानी कॉम्पिटिशन, ड्रॉइंग कॉम्पिटिशन, सलाद कॉम्पिटिशन का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न कैटेगरी के अंतर्गत मदरसे के ए, बी, सी सेक्शन के सभी बच्चों ने उत्साह के साथ हिस्सा लिया।
12 दिनी जश्ने मोहसिने इंसानियत मनाया
गौसिया जामा मस्जिद में जश्ने मोहसिने इंसानियत मनाया गया। इस दौरान पैगंबरे इस्लाम (सअस) के योमे विलदात के मौके पर अलग-अलग विषयों पर तकरीरे की गई। प्रोग्राम इमाम मौलाना इस्माइल बरकाती साहब की जेरे सरपरस्ती में रखा गया, तो वही कारी अमीनुद्दीन की जेरे निजामत, मौलाना अब्दुल अहद रिजवी की जेरे इनायत में रखा गया। इस दौरान पहली शब में रतलाम से आए मौलाना बिलाल अहमद साहब निजामी ने इस्लाम में हुकूकुल इबाद की अहमियत पर तकरीर की। वहीं दूसरी शब में मौलाना इस्माइल बकराती साहब ने इस्लाम में पानी की अहमियत बताई, तो अगले शब में कारी अख्तर रजा निजामी साहब ने समाजी निजाम के बारे में समझाया। उज्जैन से आए मौलाना मुहम्मद अली साहब नक्शबंदी ने इस्लाम में स्वच्छता एवं साफ-सफाई के बारे में समाजजनों को हिदायत दी। वही रतलाम से आए मौलाना आबिद फरीदी साहब ने पैगंबरे इस्लाम की घरेलू जिंदगी के बारे में धर्मावलंबियों को समझाया। मौलाना अफरोज नूरी साहब इंदौर ने पैगंबरे इस्लाम की मिलाद के बारे में तफ्सील से बताया। मौलाना जुल्फिकार साहब मिस्बाही ने इस्लाम में हलाल रोजी की अहमियत बताई तो इंदौर से आए नातख्वां कारी रिजवान साहब नूरी ने खुबसूरत नाते पढ़ी। वही मौलाना इरफान साहब ने इस्लाम में मां-बाप की अजमत बताई। इसी के साथ मौलाना नदी साहब रजवी ने इस्लाम में नमाज की अहमियत, मौलाना इस्माइल बरकाती साहब ने विलादते पैगंबरे इस्लाम का पैगाम उपस्थित धर्मावलंबियों को बताया।

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