जब तक दिल में हसद, कुफ्र, कीना व छलकपट रहेगा तब तक ये दिल आका का मदीना नहीं बन सकता : असगर बापू

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
अल्लाह बड़ी कुदरत वाला है। हर मखलूक को अल्लाह ने बनाया है। इंसान की हकीकत कुछ भी नही है। इंसान को अल्लाह ने एक नाचीज सेह से बनाया है और ये सदका है हमारे नबी का। यह बाते पीरे तरीकत रहवरे शरीयत अल्लामा व मौलाना सय्यद असगर अली बापू सांवली (बडौदा, गुुजरात) के शहजादे मोलाना सैय्यद अजहर अली साहब ने कही। मौका था जश्ने ईद मीलादुन्नबी के जश्र की पहली रात में शहर के हुसैनी चौक में आयोजित मुशायरे कार्यक्रम का। जश्न की दूसरी रात के मौके पर हुजूर की पैदाइश हुजूर के अखलाक अमन और हुबबूल वतनी भाईचारे के साथ रहने पर तकरीर की गई। इससे पहले समाज के नन्हे-नन्हें बच्चों ने नबी की शान में नाते-पाक पढ़ी जिसे सभी ने खूब सराहा। आपने कहा महफिले मिलाद होती है तो हम इधर-उधर घूमते रहते है। मिलाद में आकर मिलाद सुनने वाले हर इंसान के गुनाह अल्लाह माफ करकर उसे जन्नत अता फरमाता है तो हम क्यो ऐसी लापरवाही करते है। अजहर अली बापू साहब ने कहा नापाकी दो तरह की होती है। एक नजर आती है तो दूसरी नजर नही आती है। ईमान, अकीदत, मोहब्बत, मुअद्दत ये सब पाकी है। हसद, कुफ्र, कीना, छल-कपट ये बस नापाकी है और इन सभी का बसेरा दिल में होता है और जब तक वो दिल मदीना नही बन सकता। अगर दिल को मदीना बनाना है तो हसद को निकालो कुफ्र को निकालो, किना को निकलो, छल-कपट को निकालो, जब ये दिल इनसे पाक हो जाएगा तो ये दिल दिल नही आका का मदीना हो जाएगा। आपने शैर और तकरीश में ताजिमे नबी पेश की। इनके कलाम पर खूब दाद बटोरी। ईमाम अब्दुल खालिक साहब ने कहा प्यारे रसूल (सल्ललाहो अलैह व सल्लम) उनकी हम गुनहगार उम्मत के लिए अल्लाह से दुआ करते हैं और हर उम्मीद पूरी कर हमारी मुश्किलों को हल करते हैं। अल्लाह का सबसे पसंदीदा अमल नमाज है, जो हर मुसलमान बालिग मर्द और औरत पर अल्लाह ने पांच वक्त की नमाज फर्ज की है, जो किसी सूरत में माफ नहीं की जाएगी। इस दौरान हापीज अब्दुल कादिर रिजवी, झकनावदा जामा मस्जिद के ईमामा हजरत मौलाना महफूज आलम नईमी, हाजी निजामुद्दीन काजी सहित बड़ी संख्या में समाजजन मौजूद रहे।

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