अव्यवस्थित बनाई गई कॉलोनी से दुर्घटनाओं को न्योता दे रहे बिजली के पोल

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
नगर की माधव कॉलोनी में गुरूवार को दोपहर में एक ट्रैक्टर की टक्कर से बिजली का पोल टूट गया, जिससे बड़ी दुर्घटना होते होते बची। अवैध रूप से बनी इन कॉलोनियों में वाहनों के निकलने की जगह भी नहीं बचती है जिस कारण कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गुरूवार को भी एक बड़ा हादसा हो सकता था किंतु बिजली पोल पूरी तरह से नहीं गिरा और समय रहते आसपास के लोगों ने बिजली विभाग में सूचना दे कर लाइटे बंद करवा ली, किंतु स्थितियां यह बन गई है कि इस प्रकार की अवैध कॉलोनियों में कोई भी वाहन आसानी से नहीं जा सकता है, यहां तक तो ठीक है किंतु कई जगह यह स्थिति है कि वाहन ही गलियों में नहीं घुस पाते है, जिस के कारण किसी भी दिन उस क्षेत्र के रहवासियों के लिए बड़ी समस्या बन सकता है। यदि किसी परिस्थिति में आग लगती है तो फायर ब्रिगेड गलियों में नहीं पहुंच सकती है जिसके चलते समय पर मदद नहीं मिलेगी। वहीं यदि किसी परिवार में कोई बीमार है तो उन तक एम्बुलेंस सुविधा भी नहीं पहुंच सकती है।
आखिर कौन जिम्मेदार है.
इस प्रकार की कॉलोनियों के विकास के लिए आखिर किसे जवाबदार माना जाए, यहां न तो प्रशासन की गलती है न ही निवास करने वाले रहवासियों की गलती है इसमें सबसे बड़ा दोष भूमि विक्रेता है जिनके द्वारा इस प्रकार की कॉलोनियां बना कर इनमें न तो पानी निकासी की सुविधा दी गई न ही रोड के लिए स्थान छोड़ा गया। नगर की माधव कॉलोनी में कुछ गलियों में मात्र 7 से 8 फीट चौड़े ही रोड है जिस कारण यह किसी प्रकार का वाहन नहीं जा सकता है।
कलेक्टर की पहल की सराहना
इन स्थितियों को देखते हुए कलेक्टर आशीष सक्सेना द्वारा अवैध रूप से छोटे प्लाटों की रजिस्ट्रियों पर लगाई गई रोक सार्थक सिद्ध होती है, क्योंकि इस प्रकार बड़े भूखंड में एक एक प्लाट बेच कर भूमाफियां अधिक पैसे कमाने के चक्कर में न तो रोड बनाते है न नाली निकासी देते है जिसका खामियाजा रहवासियों को भुगतना पड़ता है। कलेक्टर द्वारा अविकसित कॉलोनियों पर लगाई गई रोक आमजन और गरीबों लोगों के लंबे समय के हितों को देखते हुए बहुत ही आवश्यक लगती है। कुछ लोग केवल अपने हितों के चक्कर में इस प्रकार की सही कानूनी कार्रवाई का विरोध करवाते है और जनप्रतिनिधियों को मोहरा बनाकर अच्छे कानून का विरोध करवा रहे है।
जानकारों का मानना है कि अवैध रूप से किसी भी कॉलोनी का विकास न हो इसके लिए शुरूआत में आमजन को परेशानी हो सकती है किंतु आने वाले भविष्य में उनके मकान के आसपास जो सुविधाएं मिलेगी उनका पूरा लाभ वे उठा सकते है। इसके लिए जनता को भी ऐसे स्थानों पर प्लाट नहीं खरीदना चाहिए जो अविकसित या कृषि भूमि पर दिए जा रहे है जिसके चलते कई लोग बड़ा फायदा उठाते है और शासन,गरीब जनता और मध्यम वर्ग को बाद में इसका नुकसान उठाना पड़ता है।
ट्रैक्टर की टक्कर से माधव कॉलोनी में बिजली का पोल गिर गया.

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