आयुक्त सहकारिता से चर्चा के बाद मप्र को-ऑपरेटिव बैंक कर्मियों ने किया एकजुटता का प्रदर्शन

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अलीराजपुर लाइव के लिए फिरोज खान की रिपोर्ट-
मप्र को ऑपरेटिव बैंक एम्पाइज फेडरेशन के आव्हान पर 23 सितंबर से जारी आंदोलन के तहत आज भोपाल में सभी जिलों के प्रतिनिधियों ने एकत्रित होकर अपने आंदोलन तथा शासन-प्रशासन की प्रतिक्रिया पर विचार कर अपना संशोधित कार्यक्रम जारी किया। सभा में अन्य कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। इसके पहले मप्र बैंक एम्पाइज एसोसिएशन के महासचिव वीके शर्मा ने प्रभावकारी आंदोलन के लिए सहकारी बैंक कर्मियों को बधाई दी और सभी बैंककर्मी संगठनों की ओर से आश्वस्त किया कि आवश्यक होने पर अन्य संगठन भी उनके समर्थन में आगे आ सकते है। फेडरेशन के महासचिव जीआर निमगांवकर ने बताया कि प्रदेश के 6371 सहकारी बैंक कर्मियों को सातवे वेतनमान का लाभ प्रदेश सरकार द्वारा नहीं दिया जा रहा है, जबकि प्रदेश के 6 लाख राज्य कर्मचारियों को यह लाभ जनवरी 2016 से प्रदान किया गया है। सहकारी बैंक कर्मी आंदोलन के दौरान आयुक्त एवं पंजीयन सहकारिता द्वारा कर्मचारियों प्रतिनिधि संगठन फेडरेशन को चर्चा हेतु आमंत्रित किया गया था। प्रांताध्यक्ष मोहनकृष्ण शुक्ला के नेतृत्व में संगठन प्रतिनिधियों में जीआर निमगांवकर, विमल दुबे, अनिल बावनिया, प्रकाश शर्मा ने चर्चा की। प्रशासकीय कार्रवाई में लगने वाले समय तथा अन्य कठिनाइयों पर विचार हेतु आयुक्त द्वारा 30 से 45 दिन का समय निराकरण हेतु मांगा जिस पर संगठन प्रतिनिधियों द्वारा अपनी सहमति जताई और अपने आंदोलन कार्यक्रम को संशोधित करन का प्रस्ताव पारित किया। बैंककर्मियों की अन्य मांग अवकाश, नकदीकरण, एलएफसी नियमों में सुधार, संविदा कर्मियों के नियमितीकरण आदि पर भी 30 दिन के भीतर टीप तैयार कर निराकरण की कार्रवाई की जाएगी। पूर्व में सहमत पेंशन योजना पर भी 15 दिन के भीतर कार्रवाई की जाएगी। विभिन्न जिलों से आए प्रतिनिधियों की सभा को अन्य पदाधिकारियों बृजेंद्र मिश्रा, ज्ञानेंद्र यादव, पारसिंह मुणिया, प्रकाश शर्मा, केपी मालवीय, महिपालसिंह राणावत, राजेश जोशी, देेवेंद्र मिश्रा ने भी संबोधित किया। संतोषजनक प्रगति न होने की स्थिति में 45 दिन के बाद सभी बैंककर्मियों ने भोपाल केंद्रीय सहकारी बैंक मुख्यालय के समक्ष पहुंचे व एकजुटता का प्रदर्शन किया।

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