झाबुआ Live के लिए ” विपूल पांचाल ” की EXCLUSIVE रिपोर्ट ।
राष्ट्रपति भवन मे झाबुआ के पूव॔ एएसपी ओर वत॔मान मे रतलाम के डीआईजी धर्मेंद्र चोधरी को 2004 मे दिया वीरता पदक वापस लेने के निर्देश जारी किये है राष्ट्रपति भवन ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की अनुशंसा पर यह फैसला किया है । गोरतलब है कि 02 दिसंबर 2002 को झाबुआ कोतवाली के खेडी गांव मे कुख्यात अंतर राज्यीय 16 हजार रुपये के इनामी डकैत ” लोभान” का एनकाउन्टर हुआ था जिसके बाद राज्य शाशन ने वीरता पदक का प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा था ओर इस एनकाउन्टर को सही मानते हुऐ केंद्र ओर राज्य सरकार ने धर्मेंद्र चोधरी की वीरता पदक दिया था तथा दो सिपाहीयो मानसिह ओर संजय को आउट ओफ टन॔ प्रमोशन दिया था । बाद मे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने लोभान के एनकाउन्टर को फर्जी करार देकर 5 लाख रुपये का मुआवजा राज्य शाशन को लोभान के परिजनों को देने के निर्देश दिये थे मगर राज्य शाशन धर्मेंद्र चोधरी के साथ खडा हो गया था ओर एनकाउन्टर को सही ओर वैधानिक बताते हुऐ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को 2011 मे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा था तब आयोग ने राज्य सरकार के रुख से नाराज होकर राष्ट्रपति भवन को वीरता पदक वापिस लेने की अनुशंसा भेजी थी जिस पर यह फैसला आया है ।