धर्म की राजनीति करने वाले सभी धर्मों को खंडि़त कर रहे हैं, सुख-दुख में एक-दूसरे का सहयोग करे : अहिरवार

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अलीराजपुर लाइव के लिए आम्बुआ से बृजेश खंडेलवाल की रिपोर्ट-
आज के इस कठिन दौर में हम जाति धर्म के नाम पर लगातार भटकते जा रहा है धर्म में राजनीति करने वाले सभी धर्म को खंडित करते जा रहा है। हमें अमन-शांति के लिए भाईचारे के साथ एक-दूसरे के सुख-दुख में एक-दूसरे का सहयोग करे, जिससे हम मजबूत होंगे, जब हम मजबूत होंगे तो देश और धर्म मजबूत होगा। यह बात सेवानिवृत शिक्षक रामसहाय अहिरवार ने इमाम हुसैन की याद मुहर्रम स्थल पर कार्यक्रम के अवसर पर कही। मुस्लिम समाज के इस्लामी वर्ष यानी हिजरी सन् के पहले महीना मुहर्रम की शुरू होता है। इस महीने को इस्लाम के चार पवित्र महीनों में शुमार किया जाता है। अल्लाह के रसूल हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इसे अल्लाह का महीना कहा है। इस पाक माह में रोजा रखने की अहमियत बयान करते हुए उन्होंने कहा है कि रमजान के अलावा सबसे अच्छे रोजे वे होते हैं जो अल्लाह के महीने यानी मुहर्रम में रखे जाते हैं। मुहर्रम के दसवें दिन को यौमे आशुरा कहा जाता है, जिसका इस्लाम ही नहीं मानवता के इसमें एक बेहद महत्वपूर्ण स्थान है। कार्यक्रम में मुख्य अथिति पूर्व जनपद सदस्य रमेश रावत,भाजपा मंडल अध्यक्ष कालू भारती विशेष अतिथि के रूप मे रामसहाय अहिरवार, पंडित शंकरलाल पारीख, सुरेश वाणी, चिमन भाई वारिया विशेष रूप से उपस्थित थे। मुस्लिम समाज द्वारा राममंदिर पुजारी शंकर महाराज का शॉल-श्रीफल से सम्मान किया गया। आभार प्रदर्शन पूर्व सदर अमान पठान ने माना।

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