सिंह देवी माताजी मंदिर बना आस्था व श्रद्धा का केंद्र

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
क्षेत्र का सिंह देवी माताजी मंदिर भक्तों की विशेष आस्था व श्रद्धा का केंद्र है जहां नवरात्रि में तो भक्तों का तांता लगता ही है पर पूरे वर्ष भी दर्शनार्थियों का आना जाना लगा रहता है। विशेष रूप से रविवार के दिन मुख्य आशीर्वाद का दिन रहता है जहां पुजारी द्वारा माता का आशीर्वाद प्रदान किया जाता है। सिंह देवी माताजी की मूर्ति के प्राकट्य के विषय में भी रोचक व आस्था से भरी जानकारी है। क्षेत्र के ग्राम जामली के समीप स्थित मातापाड़ा गांव में सिंह देवी माता जी का सैकड़ों वर्ष पुराना मंदिर स्थित है। मंदिर के पुजारी प्रकाश निनामा ने बताया कि माता की मूर्ति स्वयं ही इसी स्थान पर प्रकट हुई थी जिसके लिए उन्होंने जामली के राजघराने के प्रमुख को सपना दिया था जिसके बाद जहां आज माता जी का मंदिर है वहां घना जंगल था, जिसकी खुदाई कर माताजी की मूर्ति को बाहर निकाला गया। मूर्ति को बाहर निकालने के बाद राजघराने के लोगों ने इसे घर ले जाना चाहा किंतु मूर्ति नहीं निकल पाई और बाद में इसकी यहीं पर स्थापना करना पड़ी। स्थापना के बाद से ही निनामा परिवार माताजी की पूजा अर्चना करता आ रहा है। इस परिवार ने चार पीढ़ी से माता जी पूजन की है। सबसे पहले नरसिंह निनामा फिर उनके पुत्र गंगाराम निनामा और उनके पुत्र अम्बाराम निनामा के बाद अब प्रकाश निनामा पूजन करते है। इस बीच में कुछ अन्य पुजारियों ने भी पूजा की है। मंदिर के चमत्कारों को लेकर आस्था प्रकट करते हुए जिला संघ प्रमुख किशोर सोनी का कहना है कि यह स्थान आस्था का केंद्र है यहां आत्मिक शांति मिलती है। भगवान के दरबार में कोई चमत्कार नहीं होते है केवल आस्था रखने से मनोकामना पूर्ण होती है और सिंह देवी माताजी की मूर्ति भी प्राचीन होकर भक्तों की मनोकामना पूर्ण करती है। नवरात्रि में हर वर्ष यज्ञ व कन्या भोज का आयोजन श्रद्वालुओं द्वारा किया जाता है। इसी क्रम में इस बार भी यज्ञ का आयोजन किया जाएगा तथा 2 अक्टूबर बारस को कन्याभोज का आयोजन भी रखा गया है।

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