टमाटर-मिर्ची पर ब्लाइट बीमारी ने कसा शिंकजा, किसान मुसीबत में, फसल प्रभावित

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
क्षेेत्र में इस टमाटर का रकबा वैसे ही कम हो गया है। वहीं टमाटर पर बीमारियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है जिस कारण से टमाटर का उत्पादन और अधिक प्रभावित होगा। क्षेत्र में टमाटर पर पुन: ब्लाइट नामक बीमारी ने अपना शिकंजा कस लिया है, जिसके चलते टमाटर के पौधे पीले पडऩे लगे है और उत्पादन प्रभावित हो रहा है। तेज गर्मी के कारण ब्लाइट नामक बीमारी होती है और बारिश होने से फसल में फैलती जाती है। बीमारी के कारण पौधों का विकास रुककर वे पीले पडऩे लग जाते है और फल नहीं आता है. किसानों को चिंता है कि यदि बीमारी का प्रकोप अधिक फैल गया तो इस बार पुन: टमाटर में नुकसान उठाना पड़ेगा। किसानों ने पीछले वर्ष भी अधिक उत्पादन होने के बावजूद भाव नहीं मिल पाने के कारण नुकसान उठाया था और इस बार बीमारी का प्रकोप होने से नुकसान होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। पेटलावद क्षेत्र में टमाटर और मिर्ची का प्रचुर उत्पादन होता है किंतु किसानों को शासन प्रशासन की ओर से कोई सहायता नहीं मिल पाती है जिस कारण किसान अपने स्वयं के ही विवेक से इस प्रकार की फसलों का उत्पादन करते है जहां कई बार किसानों को अज्ञानता के चलते नुकसान भी हो जाता है। समय पर उचित इलाज नहीं दे पाने के कारण फसलों में कई प्रकार की बीमारियों का प्रकोप भी हो जाता है। इसलिए क्षेेत्र के किसानों की मांग है कि टमाटर व मिर्ची की फसल बोने वाले किसानों का प्रशासन द्वारा समय समय पर प्रशिक्षण आयोजित करना चाहिए तथा उन्हें उचित प्रबंधक की सीख देना चाहिए। इसके साथ ही टमाटर और मिर्ची की फसल के उत्पादन में सर्वाधिक कीटनाशक का प्रयोग होता है, जिस कारण यह फसल किसानों को बहुत ही महंगी पड़ती है और फिर अधिक खर्च करने के बाद उचित दाम नहीं मिलने पर किसान निराश हो जाते है तथा इस फसल से अपना रूख मोड़ लेते है जिससे उत्पादन में गिरावट आती है जिसके लिए किसानों ने कई बार आंदोलन किया और मांग की है कि टमाटर और मिर्ची की फसल का समर्थन मूल्य तय किया जाना चाहिए ताकि किसानों को इन फसलों में नुकसान नहीं उठाना पड़े।

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