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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
कांग्रेस द्वारा ब्लास्ट घटनास्थल पर ओपन कोर्ट लगाई, जिसमें मृतकों के परिजनों ने अपनी व्यथा आंसूओं के साथ सुनाई,जिसे सुनकर सभा में बैठा हर कोई व्यक्ति रूआंसा हो गया। सेठिया रेस्टोरेंट के संचालक मुकेश सेठिया की पत्नी संतोष सेठिया ने भी रोते हुए ओपन कोर्ट में खड़े होकर बताया कि इस ब्लास्ट में सर्वाधिक नुकसान मेरा हुआ है। एक तो मेरा पति मारा गया। वहीं हमारी पुरी दुकान तबाह हो गई जिसमें लाखों रूपए का नुकसान हो गया। सरकार हमें केवल आश्वासन दे रही है किंतु दो साल में हमें कुछ नहीं दिया। हम हमारा घर कैसे चला रहे है हम ही जानते है। मुकेश राठौड़ की पत्नी सीता राठौड़ ने भी सभी के बीच खड़े होकर कहा कि मुझे रसोइयन की नौकरी दी,मेरी जो योग्यता है वो नौकरी मुझे नहीं दी गई। इस नौकरी में सुबह से रात तक रहना पड़ता है मेरे छोटे-छोटे बच्चे है मैं नौकरी करू या बच्चों को पालू,मुझे शिक्षक की नौकरी देने का वादा किया था।
मृतक विनोद भाटोदरा की पत्नी रेखा भाटोदरा ने भी अपना दर्द बताते हुए कहा कि मुझसे शपथ पत्र पर हस्ताबर करवा कर सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करवाया था, किंतु अभी तक कोई नौकरी नहीं दी है। मैं आज तक काल लेटर का इंतजार कर रही हूं।
सांसद भूरिया ने शासन प्रशासन को घेरा
इंसान की दो कीमत कैसे हो रही है। मंदसौर में जिनको गोलियों से उड़ा दिया गया उनकी कीमत 1 करोड़ और पेटलावद ब्लास्ट में मारे गए निर्दोषों की जान की कीमत मात्र 5 लाख रूपए है। ये सरकार 1 करोड़ में खरीदकर मारने का काम कर रही है। नौकरियां दूर दूर दे दी है। बीजेपी ने बहनों के साथ खिलवाड़ किया है।
मुख्यमंत्री ने फोन पर नहीं की चर्चा-
सांसद भूरिया ने सार्वजनिक रूप से ये बताया कि ब्लास्ट की दूसरी बरसी पर लोगों की समस्याएं हल करने के लिए मंगलवार सुबह 10.25 बजे उनके द्वारा मुख्यमंत्री को मोबाइल से फोन लगाया गया किंतु मुख्यमंत्री के पीए द्वारा मुख्यमंत्री के अभी अभी निकल जाने का कहते हुए मुख्यमंत्री से बात नहीं करवाई। सांसद भूरिया ने बताया कि मेरी मंशा मुख्यमंत्री को फोन लगाने की यह थी कि शासन की ओर से कोई भी अधिकृत नुमांइदा इस सभास्थल पर पहुंचे और पीडि़तों के द्वारा जो परेशानियां बताई जा रही है उनको मुख्यमंत्री तक पहुंचाए किंतु मुख्यमंत्री ने फोन तक अटेंड करना उचित नहीं समझा, यहां तक की इस सभा स्थल पर मुख्यमंत्री के नुमाइंदे के तौर पर कलेक्टर तो दूर एसडीएम तक नहीं पहुंचे है। ऐसी स्थिति में अब सभी पीडि़त परिवारों को हमारे कार्यकर्ता भोपाल बस में ले जाकर मुख्यमंत्री के सामने इनकी परेशानियां रखेगे और यदि मुख्यमंत्री के पास इन पीडि़तों से मिलने का समय नहीं है तो हम पीडि़तों को दिल्ली तक ले जाएगे। साथ ही इस मुद्दे को लङ्क्षकसभा में भी उठाने का आश्वासन दिया। सभा में पूर्व विधायक वालसिंह मेडा, विक्रात भूरिया, चंद्रवीर सिंह राठौर, कलावती गेहलोत, ब्लाक अध्यक्ष मन्नालाल हामड, रूपसिंह भाबर, जिला अध्यक्ष निर्मल मेहता,जीवन ठाकुर, चंदु राठौड़, बरकत मंसूरी आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन जिला मंत्री सुरेश मूथा ने किया। अंत में सांसद भूरिया सहित सभी कार्यकर्ताओं और उपस्थित जनसमुदाय ने दो मिनट का मौन रख कर दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी।

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