इन सात कारणों से राणापुर मे मिली कांग्रेस को हार

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नगर परिषद् राणापुर एकमात्र ऐसी सीट मानी जा रही थी जो कांग्रेस के लिए सबसे सुरक्षित थी फिर ऐसा अचानक क्या हो गया जिससे कांग्रेस हार गयी !

By – मयंक गोयल  ( राणापुर )

झाबुआ ओर अलीराजपुर जिले मे कांग्रेस राणापुर की नगर परिषद् को अपने लिए सबसे भरोसेमंद मानकर चुनाव लड रही थी वजह भी थी कि कैलास डामोर ने अच्छा काम करने से ज्यादा अच्छा व्यवहार कमाया था लेकिन एक कडे मुकाबले मे कैलास उफ॔ कांग्रेस उफ॔ रमीला डामोर को हार का मुंह देखना पडा । झाबुआ Live आपको वह सात प्रमूख कारण बता रहा है जिसके चलते कांग्रेस को राणापुर मे हार का सामना करना पड़ा ।

1)- कैलास डामोर इन चुनावों मे महाभारत के अभिमन्यु की तरह लड़ते लड़ते अकेले पड़ गये ओर भाजपाईयो ने एक होकर घेरकर उन्हें हरा दिया ।

2)- कलावती भूरिया से राणापुर मे कांग्रेस का एक धडा खफा रहता है कैलास डामोर को कलावती भूरिया का करीबी माना जाता है इसलिए वह धडा इस बार कांग्रेस के खिलाफ बीजेपी के पक्ष मे साइलेंट काम कर रहा था ।

3)- बीजेपी के नेता मनोहर सेठिया के बारे मे कांग्रेस को यह भ्रम था कि वह गोविंद के खिलाफ चुपचाप उनकी मदद करेंगे लेकिन सेठिया अचानक बीजेपी के पक्ष मे ना सिर्फ सक्रिय हो गये बल्कि चुनाव संचालक बनकर पूरी बीजेपी को एकजुट कर ओर अल्पसंख्यको को बीजेपी की ओर कर जीत दिलवाने मे कामयाब रहे ।

4)- कैलास डामोर ओर कांग्रेस मुगालते मे रही कि मुस्लिम कांग्रेस से दुर नहीं जायेगा ।

5)- कांग्रेस प्रत्याशी रमीला डामोर के मुकाबले बीजेपी प्रत्याशी सुनिता गोविंद अजनार बोलचाल / भाषण ओर निजी मुलाकातों यानी अकेले जनसंपर्क मे भारी पड़ी ।

6)- कैलास डामोर को अपने कामों से ज्यादा अपने आम लोगों के साथ व्यवहार से उम्मीद थी लेकिन शायद कैलास वह गाना भूल गये थे “” मतलबी है लोग यहां पर मतलबी जमाना “

7)- मदरसा विवाद मे अल्पसंख्यक समाज सकारात्मक निपटारे का लिखित आश्वासन चाहता है जो शायद कैलाश ने लिखकर नहीं दिया ।

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