झाबुआ लाइव डेस्क ॥ प्रदेश भाजपा झाबुआ जिले का भाजपा जिला अध्यक्ष बदलने जा रही है यह बात प्रदेश आलाकमान ने मोजूदा झाबुआ भाजपा जिला अध्यक्ष “शैलेष दुबे” को बता भी दी है अब सवाल उठता है कि दुबे की जगह कोन लेगा । दरअसल जिला सहकारी बैंक के चुनाव के बाद इस पर फैसला होना है ।
अगर भाजपा जिला अध्यक्ष के चुनाव को समझना है तो पहले यह समझे ।
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झाबुआ जिला भाजपा की कमान किसे सोपी जाये यह प्रदेश भाजपा के समक्ष एक बडी चुनोती है अभी 15 मई को जिला सहकारी बैंक की अंतिम सुची का प्रकाशन होना है ओर जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन बनने की दोड में चार नाम चल रहे है यह है विजय नायर, मनोहर सेठिया, पुरुषोत्तम प्रजापति ओर गोरसिंह वसुनिया..। प्रदेश संगठन मंत्री अरविंद मेनन से रिश्तों को लेकर विजय नायर का नाम रेस मे सबसे आगे है लेकिन दिक्कत यह है कि विजय नायर का नाम अभी मतदा के रुप मे दर्ज नही है यह नाम कहाँ से आयेगा ओर कानूनी रुप से कितना सटीक होगा यह एक बडा सवाल है दूसरा नाम मनोहर सेठिया है सेठिया जिला अध्यक्ष भी बन सकते है लेकिन सुत्र बताते है उनकी रुची जिला सहकारी बैंक में ज्यादा है अब संगठन को तय करना है कि सेठिया को कहाँ सेट किया जाये । राजगढ़ नाका लाबी की कोशिश है कि अगर नायर चेयरमैन ना बन पा रहे है तो सेठिया की बजाय पुरुषोत्तम प्रजापति को जिला
सहकारी बैंक मे बैठाया जाये । लेकिन अगर राजनीतिक होच-पोच हुई तो आशंका इस बात की है कि गोरसिंह वसुनिया एक बार फिर बाजी मार सकते है ।
फिर भाजपा जिला अध्यक्ष कोन?
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प्रदेश भाजपा 15 मई के बाद ओर संभवतः मई के अंतिम सप्ताह मे तय करेगी कि झाबुआ भाजपा का जिला अध्यक्ष कोन होगा । अभी जो दो नेता इस दोड मे शामिल थे उनमे मनोहर सेठिया ओर पुरुषोत्तम प्रजापति सीसीबी चेयरमैन बनने की दोड मे भी दोड रहे है लेकिन अगर उस दोड को नही जीत पाये तो संगठन की कमान के मामले मे आलाकमान से प्राथमिकता मिल सकती है । हालाँकि प्रवीण सुराणा ओर दोलत भावसार के साथ साथ दुर्गा पडियार एंव सुरेंद्र सिंह मोटापाला भी अब इस पद की रेस मे है भोपाली सुत्र यह भी बता रहे है कि अगर आलाकमान इस पद को लेकर ज्यादा भ्रमित हुआ तो एक बार फिर निर्मला भूरिया को ही कमान फिर से सोंप सकता है ।
राजगढ़ नाका लाबी पर आ सकता है संकट
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झाबुआ जिले की भाजपा की राजनीति मे शैलेष दुबे के नेतृत्व वाली “राजगढ़ नाका” लाबी पर संकट आ सकता है अरविंद मेनन शैलेष दुबे से खासे नाराज है ओर सिर्फ अब विजय नायर के भरोसे ही राजगढ़ नाका लाबी आगे चल सकती है क्योकि प्रदेश भाजपा का “मलयालम फैक्टर” उनके ओर राजगढ़ नाका लाबी के अभी तक एक दशक मे काम आता है लेकिन अगर विजय नायर सीसीबी चेयरमैन नही बने ओर संगठन राजगढ़ नाका खेमे का नही बना तो दिक्कत खडी हो जायेगी । झाबुआ विधायक “शांतिलाल बिलवाल” अभी तक हटो-बचो की राजनीति में ओर राजगढ़ नाका लाबी से जुडे हुऐ है लेकिन अवसर मिलते ही बिलवाल अपना पाला बदल सकते है वैसै भी बिलवाल की पकड जमीन पर खत्म हो रही है लोकसभा चुनाव-जनपद चुनाव ओर जिला पंचायत चुनाव तक वह अपनी पार्टी को नही जीता पाये ओर उनके गृह क्षैत्र से भाजपा की करारी हार हुई थी ।इसलिए बिलवाल दूसरे पारगी बनने की राह पर है ।