उबड़-खाबड़ रास्तों में संघर्ष कर पहुंचते छात्र-छात्राएं स्कूल

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पगडंडी मार्ग से निकलने में होती है दिक्कतें

अलीराजपुर लाइव के लिए नानपुर से जितेंद्र वाणी (राज) की रिपोर्ट-
ग्राम तीती ओहरी फलिये को नानपुर से जोडऩे वाला पगडंडी रास्ता है। इस रास्ते से तीती ओहरी के ग्रामीण पैदल चलकर नानपुर को जोडऩे वाले रास्ते तक पहुंच सकते हैं या फिर बमुश्किल दोपहिया वाहन से अपनी जान जोखिम में डालकर निकलते देखे जाते हैं। गांव की आबादी सैकड़ों में पहुंच चुकी है जिसमें बच्चे-बुजुर्ग, महिलाओं को नानपुर आने के लिए पैदल ही चलना पड़ता है। वही गांव के छात्र-छात्राओं को स्कूल पहुंचने के लिए घर से घंटों पहले ही निकलना पड़ता है तब कहीं जाकर स्कूल सही समय पर पहुंच पाते हैं। लेकिन सबसे ज्यादा दिक्कत तो यहां के मरीजों को होती है जिन्हें बाइक से उबड़़-खाबड़ रास्ते से ले जाया जाता है जिनसे उनकी तकलीफों में और ज्यादा इजाफा हो जाता है। ग्रामीणों ने कई बार इस मार्ग के निर्माण के लिए जिम्मेदारों का ध्यान आकर्षित करवाया लेकिन जिम्मेदारों ने मानों कान में तेल डाल लिया है। वही गांव में अगर डिलेवरी केस होता है तो 108 वाहन नहीं पहुंच पाता है इसी के साथ अगर आकस्मिक घटनाएं हो जाती है डायल-100 वाहन भी गांव के भीतर तक सही समय पर नहीं पहुंच पाता है। इतनी सारी परेशानियों के बीच जब बारिश का मौसम शुरू होता है तो ग्रामीणों की समस्याओं में सबसे ज्यादा इजाफा हो जाता है। बारिश के मौसम में तो खेत से निकलने वाले इस मार्ग पर चारों ओर पानी भर जाता है जिससे छोटे बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पाते हैं। इसी के साथ जगह-जगह मार्ग गड्ढे हो जाने से पानी जमा रहता है जिससे नानपुर पहुंचने के लिए सिर्फ पैदल ही चलना पड़ता है। इसी के साथ बारिश के दिनों में सही समय पर चिकित्सालयों में नहीं पहुंचने से कई मरीजों की असामयिक ही मृत्यु हो जाती है, लेकिन सब होने के बाद भी जिम्मेदार जनप्रतिनिधि, अधिकारियों ने आज तक गांव तीती ओहरी की सुध तक नहीं ली। अब देखना है कि इस बारिश में ग्रामीण गांव से शहरों की ओर किस तरह पहुंच पाते हैं।

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