चारधाम की यात्रा से लौटे श्रद्धालु नगर मेें किया भव्य स्वागत

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झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-
काठमांडु (नेपाल) के पशुपतिनाथ व भारत भूमि के विभिन्न प्रांतों के 12 ज्योतिर्लिंग, उत्तराखंड, हिमालय, बद्रीनाथ धाम, जगन्नाथ धाम, रामेश्वर धाम, द्वारिका धाम सहित 200 से भी अधिक बड़े देवालयों के दर्शन करते हुए एवं भारत की पतित पावन नदियों से जल स्नान करते हुए आज थांदला, खवासा, परवलिया, बरवेट, धार, चिकलिया आदि के 100 के लगभग हिन्दू समाज के श्रद्धालु अपने स्थान पर लौटे। जानकारी देते हुए तीर्थ दर्शन यात्रा थांदला के सहयोगी व्यवस्थापक माणक जैन ने बताया कि उक्त यात्रा श्रीकृष्ण यात्रा प्रवास संघ के संचालक शरद ओसफा (पिंटू) रतलाम द्वारा 9 अप्रैल से प्रारम्भ हुई थी जो आज महाकाल उज्जैन ज्यातिर्लिंग के अंतिम दर्शन के साथ समाप्त हुई। तीर्थ यात्रियों का अनेक स्थान पर भव्य स्वागत हुआ। थांदला तहसील के आसपास के 55 श्रद्धालुओं का थांदला की अनेक संस्थाओं ने स्वागत किया। स्थाननीय बावड़ी मंदिर पर भी समस्त भक्तों का भव्य स्वागत किया गया। बावड़ी मंदिर पर बंटी डामर, गणराज आचार्य, गोपालदास वैरागी, जवसिंग परमार ने सभी तीर्थ यात्रियों की भव्य अगवानी की। स्थानीय शनि मंदिर पर पुजारी चिंटू वैरागी, सांवलिया सोलंकी, ओम प्रकाश शर्मा, किशोर आचार्य ने सभी यात्रियों का पुष्प मालाओं से स्वागत किया।
भारत भूमि की प्राकृतिक छटा निराली देवालय शांति प्रदान करने वाले
तीर्थ यात्रा कर लौटे विपणन सहकारी संस्था के प्रबंधक बसंतीलाल पाटीदार ने बताया कि 70 दिनों की दीर्घ यात्रा में भारत के विभिन्न प्रांतों का भ्रमण किया गया। भारत की प्राकृतिक छटा मनोरम दृश्य अद्भुत थे। देवालयों के विषय में बताते हुए उन्होंने कहा कि सभी देवालय एक से बढ़ कर एक शिल्प कारीगरी के सुंदर कलाकृति से आच्छादित शांति प्रदान करने वाले थे। यात्रा में सभी यात्री आपस में परिवार की तरह हिल-मिल कर एक दूसरे का सहयोग करते रहे। यात्रा संचालकों की व्यवस्था भी बहुत ही अच्छी रही किसी को कोई तकलीफ नही हुई। घर परिवार के साथ थांदला मित्रो को बहुत याद किया समय-समय पर श्योश्यल मीडिया के माध्यम से जुड़े रहे पर जब थांदला में प्रवेश किया तो संस्था के संचालकों सहकर्मियों सहित अनेक स्थानों पर स्वागत सत्कार देख अभिभूत हो गए उन्होंने नगर के सभी स्नेहीजनों का आभार माना।

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