आदर्श मानव बनकर देश-धर्मसंघ की सेवा में अपना योगदान दे : निर्वाणप्रज्ञा

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
जीवन में अनुशासन और संकल्प सदैव रचनात्मक हो तो यह विकास की दिशा में ले जाने वाले होते हैं। शिविरार्थी आदर्श मानव और आदर्श श्रावक कार्यकर्ता बनकर देश,धर्मसंघ व समाज की सेवा में अपना योगदान देते रहे। उक्त आशय के प्रवचन जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्मसंघ के 11वें अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण की सुशिष्या समणी डॉ. निर्वाणप्रज्ञा ने संस्कार निर्माण शिविर के समापन समारोह में दिए। उन्होंने कहा कि तीर्थंकर, गुरू और उनके बताए मार्ग पर चलने वाले साधुओं की शिक्षाओं पर ध्यान देकर अपने जीवन का निर्माण करे। आज हम पूज्य गुरूदेव आचार्य महाश्रमणजी की दूरदृष्टि और कृपादृष्टि को नमन करते है जिनकी कृपा से ये शिविर संपन्न हुआ। उनका कहना था कि स्वस्थ व शक्तिशाली भारत का निर्माण भावी पीढ़ी के हाथों में है 60 प्रतिशत से अधिक युवाओं वाले देश में युवाओं को सम्यक रोजगार उपलब्ध करवाकर उनकी ऊर्जा को सृजन की दिशा में ले जाना सरकार का काम है। आपने अभिभावकों को जागरूक करते हुए बिना परिपक्व उम्र के उन्हें मोबाइल न देने की प्रेरणा प्रदान की. इस अवसर पर अपने संयोजकीय वक्तव्य में समणी मध्यस्थप्रज्ञाजी ने कहा कि व्यक्ति चाहे तो अपने जीवन को प्रयोगों के माध्यम से बदल सकता है। सत्संस्कारों का जागरण कर बाल पीढ़ी अपना निर्माण कर सकती है। शिविरार्थी प्रतिवर्ष गुरूदर्शन को संकल्प ले। इस अवसर पर कृतज्ञ गादिया ने मंगलाचरण किया। शिविर के केंद्रीय संयोजक पवन भंडारी तेरापंथी सभा के अध्यक्ष झमकलाल भंडारी, सभा के मंत्री लोकेश भंडारी, महासभा के प्रदेश प्रभारी दिलीप भंडारी, सचिन मूणत, रेखाजी पालरेचा, ज्योति दख, रमेश जैन ने भी अपनी भावनाएं व्यक्त की। आभार पंकज जे पटवा ने माना विभिन्न शिविरार्थियों ने अपने अनुभव सुनाएं। इस अवसर पर सुरेश निमजा को तेरापंथी सभा की ओर से सम्मानित किया गया। क्योंकि उन्होंने इस आयोजन के लिए अपना गार्डन नि:शुल्क उपलब्ध करवाया। विशेष सेवा देने वाली ज्योति दख और चिकित्सक डॉ जैन को भी सम्मानित किया गया.

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