108 कुंडयी गायत्री महायज्ञ का हुआ आयोजन

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
नगर में 108 घरों में, 108 यजमानों द्वारा, 108 पुरोहितों की उपस्थिति में 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ एक समय में संपन्न हुआ। नगर में यह तीसरा मौका है जब इस प्रकार का आयोजन संपन्न हुआ है। आयोजन के तहत नगर के 108 घरों में यज्ञ का आयोजन किया गया। इसके साथ ही गायत्री मंदिर शक्तिपीठ पर भी मुख्य आयोजन रखा गया ठीक 9 बजे एक साथ सभी घरों में यज्ञ का शुभारंभ हुआ। यज्ञ के दरमियान माधव कालोनी में एक स्थान पर चमत्कार की भी बात कहीं जा रही है जिसके तहत ऊॅ की आकृति देखी गई इसके साथ ही 108 यज्ञों की पूर्णाहुति के साथ ही शक्तिपीठ पर सभी यज्ञकर्ता उपस्थित हुए और एक साथ महा आहुति दी।
अलग अलग राज्यों से पहुंचे यज्ञाचार्य.
इस आयोजन को पूर्ण करने के लिए 3 राज्यों के 100 से ज्यादा यज्ञाचार्यो ने सुबह घर घर पहुंचकर यज्ञ की आहुति दिलाई। गायत्री शक्तिपीठ पर भी पंचकुंडीय संगीतमय गायत्री यज्ञ संपन्न हुआ जिसमें शांतिकुंज हरिद्वार के आए यज्ञाचार्य महेश बिरला ने यज्ञ में आहुति दिलवाई। यज्ञ करवाने के लिए दाहोद, लीमखेड़ा, इंदउर, उज्जैन, रतलाम, बदनावर, नागदा, लिमड़ी, सरदारपुर, धार, मेघनगर, झाबुआ, जोबट, अलीराजपुर, थांदला से कार्यकर्ता भी आए। आयोजन का उद्ेश्य सभी घरों में अच्छे संस्कार फैले और विश्व में शांति स्थापित हो इसके लिए आयोजन किया गया। स्थापना वर्ष मनाते हुए उक्त आयोजन तीन वर्षों से आयोजित किया जा रहा है। गौरतलब है कि 28 मई 1982 में गायत्री शक्तिपीठ की स्थापना हुई थी। इस वर्ष 35 वां स्थापना दिवस गायत्री परिवार द्वारा मनाया गया जिसका लाभ नगर की धर्मप्रेमी जनता उठा रही है। आयोजन को सफल बनाने में परिवार के मांगीलाल गामड़, कृष्णसिंह राठौर, शंकरसिंह चंद्रावत, सत्यनारायण पालीवाल, नीरज पटेल, जीवन भट्ट, मोहन राठौड़, हरीश सोनी, जगदीशचंद्र पाटीदार, ज्योति भटेवरा, निलेश भट्ट, गोपाल चौधरी, निलेशसिंह कुशवाह, नरेंद्र चतुर्वेदी, ललीता भट्ट, मनीषा दुबे, लता असलिया, सविता पटेल, रविबाला भट्ट, मधुकांता सोनी, अनुसुईया सोनी ने अपनी अहम भूमिका अदा की. यज्ञ के समापन के बाद महाआरती हुई. इसी कड़ी में गुरूदेव श्री राम शर्मा के विचारों को जनमानस तक पहुंचाने की कार्ययोजना तैयार की गई। अलीराजपुर जिलाध्यक्ष संतोष वर्मा, खवासा के महेंद्रसिंह राठौर ने अपना मार्गदर्शन दिया. संचालन हेमंत शुक्ला ने दिया. आभार निलेश पालीवाल ने माना।

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