ब्राह्मण वही जो सत्य की राह पर चलकर ओरों को प्रेरणा दे : डॉ. सुनील चतुर्वेदी

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
ब्राम्हण न कोई शरीर है, न जाति है, न वर्ग है, न कोई संप्रदाय है तो फिर ब्राम्हण कौन है? जो ब्रम्ह को जाने वहीं ब्राम्हण है। ब्राम्हण सत्य की राह पर चल कर ओरो को भी सत्य की राह पर चलने की प्रेरणा देता है। वहीं सच्चें अर्थो में ब्राम्हण है। उपनिशदों ने इसकों स्पष्ट किया गया है कि कर्म आधार पर जाति का निर्धारण होता है। इसलिए हमें हमारे कर्म में ब्राम्हणत्व लाना होगा। उक्त विचार ब्राम्हण समाज के वार्षिक मिलन समारोह और सम्मान समारोह में विशेष अतिथि पर्यावरणविद डॉ. सुनील चतुर्वेदी ने पेटलावद में व्यक्त किए। सर्वप्रथम भगवान परशुरामजी की पूजा अर्चना कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। समाजजनों ने अतिथियों का पुष्पहारों से स्वागत किया। मुख्य अतिथि 108 दयारामजी महाराज पीपल खूटा वाले ने कहा कि ब्राम्हण ही सभी जगह प्रतिनिधित्व करता है ब्राम्हण मांगता नहीं है उसे देने के लिए भगवान को भी विवष होना पड़ता है। जैसे गरीब ब्राम्हण सुदामा ने कृश्ण के द्वार पर भी जा रकर कुछ नहीं मांगा पर कृष्ण को सब कुछ देना पड़ा। ब्राम्हण में वह शक्ति ही जिससे वह सभी जगह पूज्य है। ब्राम्हण की उत्पत्ती भगवान के मुख से हुई है। ब्राम्हण समाज का मस्तिष्क है। इसके बिना जीवन संभव नहीं है। ब्राम्हण को अपनी रक्षा के साथ साथ अन्य लोगों की भी रक्षा करना है। जिस प्रकार षरीर में मस्तिष्क सभी कार्यो के लिए आदेशित करता है। वैसे ही इस संसार में भी ब्राम्हण मस्तिष्क की भूमिका में है। आज आप रह क्षेत्र में देख सकते है। कि ब्राम्हण आगे ही दिखाई देंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भाजपा प्रदेश कार्यकारणी सदस्य शैलेष दुबे ने कहा कि ब्राम्हण कुल में जन्म लेना ही हमारा सौभाग्य है। भगवान ने जो हमें सोभाग्य दिया है उसका पूरा लाभ उठाने हुए देश हित में जीवन को लगाए और समाज के साथ देश हित को सर्वोपरि माने। इसके साथ ही दुबे ने प्रश्नोत्तरी के माध्यम से समाज के छोटे छोटे बच्चों को अपनी ओर से इनाम वितरित किए। इसके साथ ही समाज के वरिष्ठ विनोद पुरोहित ने भी संबोधित करते हुए कहा कि हमें ब्राम्हण युवाओंं के लिए रोजगार के अवसर तलाशना होंगे और ऐसे उपाय खोजना होंगे जो युवाओं के रोजगार संबंधि समस्याओं का निराकरण कर सकें।
इनका किया सम्मान-
ब्राम्हण समाज द्वारा अपनी सम्मान की गतिविधि में नारी शक्ति का सम्मान सर्वप्रथम किया। जिसमें सभी नारियों का एक साथ सम्मान किया गया, जिसमें महिला मंडल की अध्यक्ष रश्मि दवे को सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही समाज के बंशीधर पालीवाल, रमेश व्यास, जीवन भट्ट, नरेंद्र नंदन दवे, कांतिलाल भट्ट, हरिकृष्ण शुुक्ला, भास्कर भट्ट, विनोद पुरोहित, दिनेश व्यास, हेमंत भट्ट, हरेंद्र षुक्ल, वीरेंद्र व्यास, मनोज जानी, वीरेंद्र भट्ट, सुमनकांत शुक्ला, डॉ केडी मंडलोई, सत्यनारायण व्यास, महेंद्र जानी संगीता देवेश त्रिवेदी का भी उनके क्षेत्र में उत्कृष्ट कायों के लिए सम्मान किया गया। इसके साथ ही अतिथियों को भी प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। महाराज को शॉल-श्रीफल भेंट कर विशेष रूप से सम्मानित किया गया। आयोजन में नगर सहित बामनिया, रायपुरिया, सारंगी, बरवेट और करवड़ सहित क्षेत्र के अनेक स्थानों से स्वजातिय बंधु उपस्थित थे। समाज की वार्षिक गतिविधियों का ब्योरा मनोज जानी ने रखा। स्वागत भाषण समाज के अध्यक्ष सुशील भट्ट ने दिया तो महिला मंडल की ओर से अध्यक्ष रश्मि दवे और युवा मंडल की ओर से अध्यक्ष गौरव कौशिक ने अपनी कार्य योजना की जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन सचिव यश रामावत ने किया और आभार प्रदर्शन महेंद्र जानी ने माना। कार्यक्रम पश्चात समाजजनों के सह भोज का भी आयोजन रखा गया।

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