प्रसिद्व खेडापति हनुमानजी मंदिर पर होगे विभिन्न आयोजन

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11,111 रूद्वाक्ष से श्रृंगारित की गई प्रभु की प्रतिमा

पेटलावद। पंपावती नदी के तट पर श्रद्वा और विष्वास की मजबुत डोर से पुलकित चमत्कारिक खेडापति हनुमान मंदिर नगरवासियों के लिए एक प्रमुख आस्था का केन्द्र है। प्रतिवर्शानुसार इस वर्श भी हनुमान जंयति के पावन अवसर पर यहां हवन व पुजन के साथ धर्म जागरण के विभन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है।

मंदिर को श्रृंगारित-इस अति प्राचीन मंदिर पर रंग रोगन के साथ विभिन्न तैयारियां युद्व स्तर पर की गई है। परिसर में होने वाले हवन पुजन के साथ मंदिर में विराजित भगवान की प्रतिमा का भी आर्कशक श्रृंगार विपीन मुन्ना जोषी द्वारा किया गया । श्री जोषी ने बताया कि इस बार 5 दिनो के अथक प्रयासों से प्रभु की प्रतिमा को रूद्वाक्ष से श्रृंगारित किया गया है। यहां विराजित वीर और दास की प्रतिमा को श्रृंगारित करने में 11,111 रूद्वाक्ष का उपयोग किया गया है।

दुर्लभ प्रतिमा है -म्ांदिर के पुजारी पं. प्रदीप बब्बन दवे ने बताया कि ज्ञात इतिहास में इस तरह की प्रतिमा कही और नही है। पेटलावद में एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां वीर और दास हनुमान जी की एक साथ खडी प्रतिमा है। जिनमें दास हनुमानजी के कंधे पर प्रभु श्री राम और लक्ष्मण बेठे है वही दास हनुमान जी पहाड उठाये हुए है। श्री दवे ने बताया कि यहां पर हनुमान जंयति पर विभिन्न धार्मिक अनुश्ठान किये जायेगे तथा प्रसाद का वितरण जाएगा।

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