हिंदी-उर्दू अल्फाजों के गीतों में झाबुआ के वसीमुद्दीन शेख ने बिखरे जलवा

0

झाबुआ। शहर के कैलाश मार्ग के ग्यासुद्दीन शेख के 23 वर्षीय पुत्र वसीमुद्दीन शेख इन दिनों इंदौर में धूम मचा रहे है। उक्त युवक गीत-संगीत में पारंगत होकर इंदौर में निरंतर प्रस्तुतियां देकर सभी का मन मोह रहे है। साथ ही कव्वाली करने में भी माहिर है। वसीम का ‘ताजदारे हरम’, इसके पूर्व वर्ष 2016 में उनके द्वारा गाया गया ‘हंसी बन गए’ को काफी लोकप्रियता मिली है। इंदौर में उक्त कलाकार ने नाहरशाह वली रहमतुल्ला अलय खजराना इंदौर में भी शूटिंग की। उक्त युवक को इस अनोखी कला में पारंगत गुरू गौतम काले (संगीत गुरुकुल) द्वारा किया गया है। वहीं उस्ताद सईद फरीद साबरी (जयपुर) उनके गुरू है। अपने पिता ग्यासुद्दीन से समय-समय पर बेटे को प्रेरणा और मार्गदर्शन मिलता रहा। पं. जसराज के शिष्य गौतम काले से वसीम ने भारतीय शास्त्रीय संगीत सिखा है। वसीम कव्वाली करने में भी दक्ष है।
जिले का बढ़ाया गौरव-
वसीम इंदौर में लगातार अपनी एक से बढक़र एक प्रस्तुतियां देकर झाबुआ का गौरव बढ़ा रहा है। उसे राष्ट्रीय स्तर पर बड़े मंच पर प्रस्तुति देने की दरकार है। उसके गीत-संगीत इंटरनेट पर यू-ट्यूब पर भी देखे जा सकते है। वसीम की इस उपलब्धि पर उसे उसके गुरू गौतम काले, सईद फरीद साबरी, भारती सोनी, दादी हुसैना बी, मोहनुद्दीन शेख, अयाज शेख सहित अन्य ईष्ट मित्रों ने शुभकामनाएं दी है एवं उनके उज्जवल भविष्य के लिए दुआएं मांगी है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.