गरीबों के आवास की राशि डकार रहे सरपंच-सचिव उपयंत्री

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
शासन प्रशासन की मनमानी के चलते गरीब लोगों के नाम पर आ रहे आवास का लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है, उल्टा उनके नाम पर पैसा निकाल कर सरपंच,सचिव और उपयंत्री डकार रहे है। ऐसा ही मामला ग्राम तारखेड़ी का आया है जहां 9 लोगों के आवास के पैसे सचिव और उपयंत्री ने निकाल लिए किंतु आज तक आवास नहीं बने। वहीं इन 9 लोगों की सूची में एक व्यक्ति का नाम दो बार लिखा हुआ है और दो वर्षों तक लगातार उसी के नाम से पैसे निकाले गए है किंतु आवास का लाभ उसे नहीं मिल पाया है। इस संबंध में शिकायत करने के लिए ग्रामीण भटक रहे है किंतु उनका आवेदन लेने को कोई तैयार नहीं है। जनपद सीईओ इस मामले में आवेदकों की कोई मदद या खोजबीन नहीं कर रहे है, जिससे आवेदक परेशान होकर जन सुनवाई में जाने का मन बना रहे हैं। मामला वर्ष 2014-15 के ग्रामीण आवास योजना के है जिसके तहत ग्राम तारखेड़ी में 9 हितग्राहियों का चयन हुआ था जिसमें प्रति एक आवास की राशि 70 हजार रूपए थी, किंतु आवासहीनों को आवास निर्माण के लिए न तो पैसा मिला न ही आवास मिला। इस शिकायत को लेकर हितग्राही भटक रहे है किंतु उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।
सरपंच-सचिव करते है डिमांड-
हितग्राही सुखराम कोदा गामड़ का कहना है कि उसका आवास योजना की सूची में 9 नंबर पर नाम है आवास योजना के तहत मेरे खाते में राशि आना थी किंतु सरपंच सचिव द्वारा कमीशन की मांग की गई तो मेरे द्वारा कमीशन नहीं देने पर वह राशि मेरे खाते में न डलवाते हुए अन्य व्यक्ति सुखराम पिता रूपा गवली के खाते में डाल दिए गए। इसी प्रकार सूची में 6 नंबर और 7 नंबर पर एक ही व्यक्ति के नाम है जिसके नाम पर भी पैसा दूसरे खातों में डालकर निकाला गया है।
9 लोगों को नहीं मिला आवास-
पूर्व सरपंच लिंबा वसुनिया और भाजपा नेता लखेंद्र जानी ने आरोप लगाया कि वर्ष 2014-15 की आवास सूची में जो 9 लोग है आज तक उन्हें आवास नहीं दिया गया और उनके नाम पर पैसा भी निकाला गया, जो कि दूसरे लोगों के खाते में डाला गया। इसकी पूरी जांच होना चाहिए और वास्तविक हितग्राहियों को शासन की योजना का लाभ मिलना चाहिए। कहीं पर सुनवाई नहीं होने पर हितग्राहियों ने अपनी शिकायत जनसुनवाई में करने का मन बनाया है। इस संबंध में पेटलावद जनपद सीईओ से चर्चा करने का प्रयास किया गया किंतु उन्होंने मोबाइल रिसीव करना उचित नहीं समझा। वही एसडीएम सीएस सोलंकी का कहना है कि ग्रामीण आए थे उन्हें जनपद सीईओ के पास भेज कर मामले को दिखवाया गया था। इस मामले में पूरी जानकारी जनपद सीईओ से मिल सकती है।

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