मंडल मे अपनो की तैनाती कर भावसार ने खेला गेम

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झाबुआ Live डेस्क के लिए ” विपुल पांचाल ” की पड़ताल ।

बीजेपी जिलाध्यक्ष ” दोलत भावसार ” ने एक बार फिर पार्टी मे अपने धुर विरोधी ” राजगढ़ नाका” लाबी को मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति कर झटका देने का प्रयास किया है दरअसल दोलत भावसार के जिलाध्यक्ष बनने के पहले ही शैलेष दुबे अपने 11 समर्थकों को “मंडल अध्यक्ष ” बनवाने मे कामयाब रहे थे ओर दोलत भावसार को संगठन चलाने मे कहीं ना कहीं यह मंडल अध्यक्ष दिक्कत दे रहे थे नतीजा दोलत भावसार ने संभागीय संगठन मंत्री सहित बीजेपी संगठन मंत्री ओर प्रदेश अध्यक्ष नंदु भैया को विश्वास मे लिया ओर कुछ नये मंडलों का एलान करवा लिया ओर आज पुराने मंडलों का बकायदा विभाजन करते हुए आज नये मंडलों के अध्यक्षों के नामों का एलान कर दिया । नये मंडल मे ” ललित बंधवार ” को राणापुर नगर मंडल अध्यक्ष बनाया गया है वही राणापुर ग्रामीण मंडल अध्यक्ष मंडी अध्यक्ष भंवरसिंह को बनाया गया है जबकि राजगढ़ ना का लाबी या कहें मनोहर सेठिया गुट के सुरसिंह अब सिर्फ कुंदनपुर मंडल तक सीमित रह गये है .. ललित बंधवार ओर भंवरसिंह को फिलहाल राणापुर जनपथ ओर नगर की राजनीति मे मनोहर सेठिया लाबी के खिलाफ माना जाता है । इसी तरह ” ब्रजेन्द्र शर्मा ” खेमे के कमलेश मचार को मदरानी मंडल अध्यक्ष बनाकर भावसार ने एक तीर से दो निशाने साधे है थादंला नगर मे भी पूनमचंद को महत्व मिला है पंवार को नाका लाबी विरोधी माना जा रहा है यही हाल पेटलावद ग्रामीण मंडल मे कृष्णपाल सिंह दोलत गुट के बंदे है । कुल मिलाकर दोलत भावसार अब जिले के संगठन को बैलेंस करने का अवसर हथियाने मे कामयाब रहे है । गोरतलब है कि ऊपर से पार्टी एक होने का दावा करती है मगर हकीकत यह है कि बीजेपी संगठन स्तर पर दो फाड़ हो चली है खुद जिलाध्यक्ष भावसार वीडियो बयान मे यह गुटबाजी कबूल कर शैलेष दुबे पर समानांतर संगठन चलाने का आरोप लगा चुके है । अब देखना यह है कि अब नये मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद पार्टी को क्या फायदा होता है । क्योकि बीजेपी लोकसभा चुनाव हारकर बैकफुट पर है ।

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