वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ आचार्य उमेशमुनि की जन्म जयंती मनाई

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
पौषध भवन में आयोजित गुणानुवाद सभा में संघ सचिव जितेंद्र कटकानी ने कहा कि आचार्यश्री जन-जन के चहेते थे। युवाओं के मन में धर्म आराधना के बीजारोपण एवं आत्मकल्याण के लिए उनके द्वारा दी गई प्रेरणा-समग्र समाज के लिए उनके उपकारों को भुलाया नहीं जा सकता है। उनके जीवन से प्रेरणा लेकर हमें अपने जीवन को धर्ममय एवं कर्म रहित बनाना है एवं आत्म कल्याण का मार्ग प्रशस्त करना है। स्वाध्यायी अंकित भंडारी ने आचार्यश्री की देशनाओं के द्वारा उनके जीवन पर प्रकाश डाला एवं स्तवन की प्रस्तुति दी। पूर्व संघ अध्यक्ष शांतिलाल चाणोदिया ने आचार्यश्री के गुणों का उल्लेख करते हुए उनके द्वारा रचित साहित्य को पढऩे की प्रेरणा दी। स्वाध्यायी नीरज मूणत ने कहा कि आचार्य श्री के सानिध्य को पाकर हर भक्त निहाल हो जाता है सरलता-सहजता एवं सादगी की त्रिवेणी में गोता लगाकर हर भक्त अपने को धन्य महसूस करता है एवं आत्मउत्थान की ओर बढ़ता है। संघ अध्यक्ष नरेंद्र कटकानी ने आचार्यश्री के धर्मनुरागियों पर उपकार एवं उनके द्वारा भक्तों पर कृपादृष्टि का उल्लेख करते हुए उन्हें जिनशासन का गौरव बताया एवं उनके द्वारा रचित साहित्य को जैन समाज के लिए अमूल्य धरोहर बताया। इसके बाद गुरु चालीसा का पाठ हुआ। कार्यक्रम का संचालन राजेंद्र कटकानी ने किया। इस अवसर पर संघ के अनेक सुश्रावक उपस्थित थे।

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