मामला बेकल्दा के चारण कोटडा व धोलीखाली के कुंडला नाकी तालाब का

0

झाबुआ लाइव के लिए झकनावदा से जितेन्द्र राठौड़ की रिपोर्ट-
प्रदेश व केन्द्र की सरकारें और जिला प्रशासन मजदूरों को रोजगार देने के तमाम वादे करते हैं और ग्रामीण रोजगार के लिए बजट का एक बड़ा हिस्सा रोजगार गारंटी पर दिया जाता है। परन्तु सरकार के दावों और बजट की पोल जिले के इस आदिवासी अंचल में साफ दिखाई दे रही है। आदिवासी अंचल के ग्रामीण अपना जीवन यापन मजदूरी से करते हैं व मजदूरी से ही अपना व परिवार का पेट पालते हैपरन्तु दो वक्त की रोटी के लिये दिन भर पसीना बहाकर मजदूरी करने वाले मजदूरों को अपना मेहताना न मिले और मजदूरी के अपने हक के पैसों के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाना पड़े और फिर भी उन्हें मजदूरी न मिले तो इससे बड़ा और दुर्भाग्य सरकार के लिए क्या होगा और संसद में रोजगार गारंटी अधिनियम जैसे कानून बनाना और वे कानूून केवल कागजों एवं फाइलों मे ही बनते हैं और धरातल पर काम करने वाले मजदूर अपनी मजदूरी के लिये भटकते हैं। मामला पेटलावद जनपद की धेलीखाली एवं बेकल्दा पंचायत का है। ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा धोलीखाली पंचायत के जुवानपुरा में कुंडला वाली नाकी निस्तार तालाब जिसकी लागत 40 लाख रुपए एवं बेकल्दा के चारण कोटड़ा गांव में जिसकी लागत 50 लाख रुपए के तालाबों का निर्माण करवाया। दोनों तालाब का निर्माण विभाग को करवाना था परन्तु विभागीय अधिकारियों ने सारे नियमों को ताक पर रखते हुए दानों तालाबों का ठेका माही परियोजना के एक कर्मचारी को दे दिया। उक्त कर्मचारी ठेकेदार ने तालाबों का निर्माण करवाया।
ठेकेदार ने परिजनों के नाम पर निकाली राशि-
दोनों निस्तार तालाबों पर मजदूरी करने वाले मजदूरों की राशि एक वर्ष बीत जाने के बाद भी मजदूरों को नहीं मिली, मजदूर शांतिलाल दल्ला मेड़ा का कहना है कि मैंने व मेरे परिजनों ने काल वाली नाकी निस्तार तालाब में 490 दिन मजदूरी की लेकिन हमें एक फूटी कोड़ी भी नसीब अभी तक नहीं हुई। वही जुवानपुरा के सरतान बताते हैं कि मे और मेरे परिजन हर वर्ष मजदूरी करने गुजरात जाते हैं लेकिन इस बार हमारे गांव में ही काम चलने के कारण हम गुजरात नहीं गएऔर कुण्डला वाली नाकी तालाब पर मजदूरी की परन्तु आज तक हमें मजदूरी नहीं मिली। शांतिबाई और कालीबाई बताती है कि हमारे घर में चूल्हा दिनभर मजदूरी करने के बाद जलता है हमने तालाब पर मजदूरी की और घर चलाने के लिये कर्ज लेकर राशन लिया अब हम मजदूरी के लिये भटक रहे हैं और कर्जदार परेशान कर रहे हैं। सरकारी कार्यालयों में शिकायते भी दर्ज करवा चुके हैं लेकिन हमारी कोई सुनने वाला नहीं है।
मजदूरों का आरोप- जिन्होंने नहीं की मजदूरा उनको दी राशि
कोटड़ा और धोलीखाली के ग्रामीणों का आरोप है कि जिन मजदूरों ने दो वक्त की रोटी की और चार माह तक तपती गर्मी में मजदूरी की उन्हें आज तक अपनी मजदूरी का राशि नहीं मिला और ठेकेदार ने आज तक इन मजदूरों को मजदूरी नहीं दी परन्तु ठेकेदार ने अपने परिजनों के नाम पर अपने परिजनों के नाम पर राशि निकालकर राशि का आहरण कर लिया गया ग्रामीणों का आरोप है कि जालम चारण, कमला चारण, कुंवरबाई चारण, हरदार चारण, प्रवीण चारण सहित करीब 100 से अधिक लोगों के नाम फर्जी तरीके से राशि निकाली इनमें से जिनके नाम से राशि निकाली गई है इनमें से कई लोग माही परियोजना में कर्मचारी है। ऐसा आरोप ग्रामीणों ने लगाया।
मशीनरी की राशि भतीजे के नाम से निकाली –
दोनों निस्तार तालाबों में केवल मजदूरों की राशि आहरित करने पर भी ठेकेदार संतुष्ट नहीं हुआ। विभागीय अधिकारियों के साथ मिलकर ठेकेदार ने दोनों निस्तार तालाब पर मशीनरी ट्रैक्टर की लाखों रूपये की राशि अपने भतीजे दीपक, किशन चारण के नाम से निकालकर आहरण की।
जनसुनवाई में आवेदन दिया तो ठेकेदार धमकी देने पहुंचा –
ग्रामीणों को मजदूरी नहीं मिलने की शिकायत जनसुनवाई में कलेक्टर से की कलेक्टर के निर्देश पर विभागीय अधिकारी जांच करने पहुंचे तो उन्होंने शिकायतकर्ता मजदूरों का बयान लेने के बजाय घर के बुजुर्ग एवं महिलाओं को मजदूरी के पैसे दिलवाने हेतु आने की बात कह कर अंगूठे लगवा लिए मजदूर मंसूर नाहर का कहना है कि मैने मुख्यमंत्री ऑनलाइन और जनसुनवाई में शिकायत की जिसपर जांच टीम ने गांव वालों के फर्जी तरीके से अंगूठे करवा लिए और ठेकेदार लाभू चारण आकर कहता है की अगर तुमने शिकायत की तो ठीक नहीं होगा और न ही तुम्हारी मजदूरी मिलेगी और तुम मेरा कुछ भी नहीं कर सकते हो। अब हम जाएं तो जाए कहां?
जेसीबी से खुदवाया नाला –
ग्रामीण यांत्रिकी विभाग ने ठेकेदार से मिलकर तालाब में भ्रष्टाचार करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। ठेकेदार ने दोनों तालाबों पर घटिया निर्माण किया और वेस्ट वेयर का नाला एवं पटल खोदने में भी जेसीबी का उपयोग किया।
क्या कहते हैं प्रशासनिक अधिकारी –
जनसुनवाई का आवेदन जांच के लिये आया है। मैं स्वयं मामले की जांच करूंगा और ठेकेदार से निर्माण करवाया और मजदूरों की राशि नहीं दी गई है तो कार्रवाई की जाएगी और दोषियों के खिलाफ एफआईआर की जाएगी।
– सीएससोलंकी, एसडीएम
जनप्रतिनिधि की सुनो-
ग्रामीण यांत्रिकी विभाग ने ठेकेदार से काम करवाकर मजदूरों की राशि का आहरण किया है और ठेकेदार ने फर्जी तरीके से अपने परिजनों के नाम पर राशि निकाली है जांच होना चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी, नहीं तो विधायक, प्रभारीमंत्री और प्रमुख सचिव से शिकायत करेंगे।
– पारस जैन, पूर्व जिला मंत्री भाजपा
करेंगे आंदोलन –
मजदूरों की राशि का आहरण किया गया है। विभागीय इंजीनियर ने ठेकेदार से मिलकर घटिया निर्माण किया है मजदूरों को राशि नहीं दी गई और घटिया निर्माण की सही जांच नहीं हुई तो मजदूरों के साथ मिलकर आंदोलन करेंगे।
– प्रदीपसिंह तारखेड़ी, सांसद प्रतिनिधि।

Leave A Reply

Your email address will not be published.