कोटेश्वर धाम में गंगा स्नान कर मौनी अमावस्या मनाई

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अलीराजपुर लाइव के लिए नानपुर से जितेंद्र वाणी (राज) की रिपोर्ट-
माघ मास की अमावस्या यानी मौनी अमावस्या शुक्रवार को माई गई। मान्यता है कि मौन अमावस्या को पवित्र संगम में देवताओं का निवास होता है इसलिए इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है यहां स्नान का मतलब सिर्फ भौतिक या शारीरिक स्नान नहीं है। यह अंतस का स्नान है। यही नहीं शास्त्रों में कहा गया है कि होठों से ईश्वर का नाम जाप करने से जितना पुण्य मिलता है उससे कई गुना अधिक पुण्य मन ही मन हरि का नाम लेने से मिलता है। संत इसे ही भजन कहते हैं संत कहते हैं कि शोर-शराबा करके और ढेर सारे आडंबर फैलाकर भजन किया तो क्या किया। इस दिन मौन रहे तो उत्तम है। अगर यह संभव नहीं हो तो इतना तो कर ही सकते हैं कि पूरे दिन अपने मुंह से कोई भी कटु और अनावश्यक शब्द न निकाले। इस दिन पवित्र स्नान के बाद पूरी तरह मौन रहे और अपने भीतर भगवान से मिले। नानपुर से हजारों भक्तों ने धार जिले के कुक्षी के कोटेश्वर धाम जाकर स्नान किया इसके बाद गौशाला में गाय माता को घास खिलाकर उनका पूजन किया। इस दौरान पूनम चन्द वाणी का कहना है कि आज मौन अमावस्या होने से पूरे परिवार वालो के साथ कोटेश्वर धाम आए गरीबो को भोजन करवाया सभी समाज के लोगों ने स्नान किया।

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