पैसों की लालच में किसी की जान की परवाह भी नहीं, दोनों डॉक्टर कहलाने लायक नहीं : ऊंकारलाल पाटीदार

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8cc8a41 झाबुआ लाइव के लिए पन्नालाल पाटीदार की रिपोर्ट-

शनिवार को रामनगर की महिला रुकमणी को पेटलावद डिलेवरी के लिए ले जाया गया था परिजनों का आरोप है कि पेटलावद के बीएमओ डॉ मंडलोई और डॉ उर्मिला चोयल ने महिला को हाथ तक लगाने से इनकार कर दिया था मामले की खबर प्रसारित होने के बाद इन डॉक्टरों की तरफ से सफाई दी गई की महिला की डिलेवरी पहले सिजरिंग कर की गई थी इसलिए उन्हें आगे जाने की सलाह दी गई थी।
बताया जा रहा है कि इसी महिला रुकमणी की आज से 3 साल पहले पहली डिलेवरी डॉ उर्मिला चोयल ने की थी लेकिन सवाल यह है कि आखिर शनिवार को ऐसा क्या हो गया कि इन डॉक्टरों ने इस महिला को हाथ तक लगाने से इनकार कर दिया।
पिता ने मीडिया के सामने दोनों डॉक्टरों पर लगाए गंभीर आरोप-
डॉक्टरों के बयान के बाद लडक़ी के पिता उंकारलाल पाटीदार पुन: एक बार फिर मीडिया से मुखातिब हुए और उन्होंने बीती पूरी घटना मीडिया के सामने रखी। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के लोग पेटलावद के डॉक्टर मंडलोई और डॉ. चोयल मैडम को भगवान से भी ज्यादा दर्जा देते है लेकिन सच्चाई कुछ और है। उन्होंने बताया कि वह उनकी बेटी रुकमणी को शनिवार को डिलेवरी के लिए पेटलावद ले गए थे लेकिन दोनों डॉक्टरों ने उनकी बेटी को हाथ तक लगाकर नहीं देखा। इस बात की शिकायत कलेक्टर और 181 पर करके अपनी बेटी की डिलेवरी कराने वह दाहोद चले गए। आज अखबारों में डॉक्टर के बयान देखे तो वे पुन: मीडिया के सामने आये और इन बयानों को झूठा करार देकर कहने लगे कि डॉक्टर झूठ बोल रहे है। इन्होंने मेरी बेटी को हाथ तक नहीं लगाया। उन्होंने इन दोनों डॉक्टरों द्वारा डिलेवरी नहीं करने के कारण बताते हुए इन दोनों डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए कहा कि आज से 3 साल पहले मेरी इसी बेटी रूकमणी की पहली डिलेवरी पेटलावाद के सरकारी अस्पताल में इन्ही डॉ उर्र्मिला चोयल ने की थी उस डिलेवरी के लिए मुझसे डॉ चोयल ने 15 हजार रुपए की मांग की थी, तब उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पताल में इतना पैसा नहीं लगता है तो मैडम ने कहा कि इस बारे में मंडलोई सर से बात करो में डॉ मंडलोई के पास गया तो वे बोले की तुम मेरे 5 हजार मत देना पर मेडम चोयल को 10 हजार देना ही पड़ेंगे तब मैं बेटी के ऑपरेशन से डिलेवरी करवाने के लिए 10 हजार रुपए देने उनके घर गया था इन दिनों डॉक्टरों ने मुझसे 15 हजार की मांग की थी, लेकिन में गरीब था कही से 10 हजार उधार लाकर दिए थे उस बचे हुए 5 हजार की रंजिश इन्होंने आज दिन तक रखते हुए शनिवार को मेरी बेटी रुकमणी को इन दोनों डॉक्टरों ने हाथ तक नहीं लगाया।
पिता ने अपने नंबर किए सार्वजनिक-
लडक़ी के पिता उंकारलाल पाटीदार ने अपने मोबाइल नंबर-99260 38748 को सार्वजनिक करते हुए कहा कि जिले का कोई भी अधिकारी चाहे या कोई भी चाहे में कही भी जाकर बोल सकता हूं कि इन्होंने 5 हजार की उस पुराणी रंजिश के लिए मेरी बेटी को हाथ तक नहीं लगाया। यह तो गनीमत रही की हम मेरी बेटी को लेकर समय पर दाहोद पहुंच गए नहीं तो मेरी बेटी की जान भी जा सकती थी रुपयों के लिए यह दोनों डॉक्टर इस हद तक चले गए कि किसी की जान की भी परवाह इन्हें नहीं रही। आज इनकी इस करतूत से मेरी नजर में यह दोनों डॉ कहलाने लायक नहीं रहे है।

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