घोड़ावत जैसी आत्माएं कभी मरा नहीं करती : सुरजन

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DSC_3416झाबुआ। जिले में पत्रकारिता के भीष्म पितामाह, सशक्त कलमकार और पत्रकारों के आदर्श स्वर्गीय यशवंत घोड़ावत की तृतीय पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम व पत्रकार समागम का आयोजन कल्याणपुरा के नवनिर्मित मॉडल स्कूल भवन पर हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा मां शारदा के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। साथ ही अतिथियों और सभी पत्रकार साथियों ने स्वर्गीय घोड़ावत को पुष्पांजली अर्पित की। इस दौरान मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष व संपादक पलाश सुरजन ने कहा कि स्वर्गीय घोड़ावत जैसी आत्माएं कभी मरा नहीं करती। घोड़ावत दादा ने न केवल पत्रकारों को प्रशिक्षित किया अपितु उनको संगठित करने का भी काम किया। यह काम पत्रकारिता जगत में अनूठा है। क्योंकि लोग प्रशिक्षित तो करते है परन्तु संगठित नहीं कर पाते। साथ ही सुरजन ने कहा कि इस कार्यक्रम में उपस्थित पत्रकारों के सैलाब को देखकर मन प्रफुल्लित हो उठा। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंयने ग्रामीण पत्रकारों को पत्रकार जगत की वास्तविक स्थिति के बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार पुष्पा शर्मा ने की।
मीडिया से राजा को रंक बनते हैं देखा : एसपी जैन
विशेष अतिथि एसपी महेशचन्द्र जैन के साथ ही वरिष्ठ पत्रकार क्रांति कुमार वैद्य, वीरेन्द्र व्यास और ठाकुर जोरावरसिंह मौजूद थे। एसपी जैन ने कहा कि मीडिया की ताकत से ही हमने राजा को रंक बनते देखा है। साथ ही उन्होंने बताया कि विकास कार्यों की गुणवत्ता पत्रकार की जागरूकता पर निर्भर होती है। इसके लिये पत्रकारों को सूचना के अधिकार का इस्तेमाल करने पर भी उन्होने जोर दिया। जैन ने कहा कि यदि मीडिया जागरूक होगा तो आम आदमी का शोषण भी कम होगा। साथ ही उन्होंने मीडिया के लोगों से वादा किया कि वह इस आदिवासी अंचल मे जब तक रहेंगे, विकास कार्यों को बढ़ावा देंगे और अपराध को कम करने की पूरी कोशिश करते रहेंगे।
वरिष्ठ पत्रकार क्रांति कुमार वैद्य ने झाबुआ जिले के पत्रकारिता के इतिहास के बारे मे बात कही। उन्होने बताया कि स्वर्गीय कन्हैयालाल वैद्य, मामा बालेश्वर दयालए कृष्णकांत व्यास जैसे लोग स्वर्गीय घोड़ावत के आदर्श रहे हैं, उन्ही के बताए मार्ग पर चलकर दादा ने आम आदमी की सेवा की।
दादा की बातें याद आती है-
स्वर्गीय घोड़ावत के परम मित्र परमार दादा ने घोड़ावत के साथ बिताए हुए पलों को याद करते हुए उन्हे अपना अभिन्न मित्र बताया और कहा कि आज भी दादा की कई बातों को याद करके उन्हे रातों को नींद नहीं आती। कार्यक्रम की अध्यक्ष पुष्पा शर्मा ने कहा कि वर्ष 1980 से लेकर वह घोड़ावत के साथ पत्रकारिता करती रही हैं। उनकी कमी झाबुआ के पत्रकारिता जगत मे हमेशा बनी हुई रहेगी। उनके सिखाए हुए लोग आज जिले मे दबंगता के साथ पत्रकारिता के पेशे से न्याय कर रहे है।
इनका हुआ सम्मान
DSC_3471लंबे समय से पत्रकारिता और सामाजिक कल्याण के कामों को करने के लिए कार्यक्रम में ठाकुर जोरावरसिंह पिटोल, मनोज चतुर्वेदी झाबुआ, पल्लूसिंह चौहान कल्याणपुरा, बंसीलाल शर्मा करवड़, अर्पण कासवा बामनिया, भूपेन्द्र गौड़ झाबुआ को सम्मानित किया गया। साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के लिये ईश्वरलाल, लाली प्रजापत, अनिल हरीसिंग डामोर आदि का भी सम्मान किया गया। इस दौरान पत्रकार वीरेन्द्र व्यास ने स्व. घोड़ावत के बारे में कहा कि दादा व्यक्ति वंचितों की पत्रकारिता करते थे। उनके जैसे साहस को हासिल कर पाना हर पत्रकार का ख्वाब होता है। आज आम आदमी का सिर्फ खबर पालिका (मीडिया) और न्याय पालिका पर ही विश्वास रह गया है। साथ ही व्यास ने कहा कि पत्रकार को फलों की बजाए जड़ों को सिंचने वाली पत्रकारिता करना चाहिए।
दिव्यांग ने रखी पत्रकारों के सामने समस्याए छलके आंसू-
कार्यक्रम मे जब शिक्षा के क्षेत्र मे काम करने के लिये दिव्यांग लाली प्रजापत का सम्मान करने के लिये सभी अतिथी जब मंच से नीचे उसके पास आए तो पत्रकारों का जमावड़ा देखकर प्रशासन से पीडि़त लाली की आंखे भर आई। लाली ने प्रशासन द्वारा सताए जाने साथ ही दिव्यांग होने के बावजूद किसी प्रकार की मदद नहीं करने पर पत्रकारों से गुहार लगाई और कहा कि प्रशासन पर अब मेरा भरोसा नहीं रहा। अब सिर्फ आप लोग ही मेरी मदद कर सकते है। इस पर जिला पत्रकार संघ के अध्यक्ष संजय भटेवरा ने संघ की तरफ से दिव्यांग लाली के लिए जो मदद बन पड़ेगी वह करने का आश्वासन दिया। साथ ही भटेवरा ने पत्रकारों के हित मे काम के लिये एक प्रस्ताव भी परित किया। विगत दिनों पत्रकार आशीष राठौर के निधन पर कार्यक्रम मे श्रद्धांजली दी गई। साथ ही सभी पत्रकार साथियों ने राठौर के परिवार को 31 हजार रुपए की आर्थिक मदद भी की। कार्यक्रम को सफल बनाने मे जिला पत्रकार संघ की कल्याणपुरा ईकाइ का सराहनीय योगदान रहा। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार हरीशंकर पंवार ने किया तथा आभार प्रवीण सुराना ने माना।
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