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झाबुआ। जिले में पत्रकारिता के भीष्म पितामाह, सशक्त कलमकार और पत्रकारों के आदर्श स्वर्गीय यशवंत घोड़ावत की तृतीय पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम व पत्रकार समागम का आयोजन कल्याणपुरा के नवनिर्मित मॉडल स्कूल भवन पर हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा मां शारदा के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। साथ ही अतिथियों और सभी पत्रकार साथियों ने स्वर्गीय घोड़ावत को पुष्पांजली अर्पित की। इस दौरान मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष व संपादक पलाश सुरजन ने कहा कि स्वर्गीय घोड़ावत जैसी आत्माएं कभी मरा नहीं करती। घोड़ावत दादा ने न केवल पत्रकारों को प्रशिक्षित किया अपितु उनको संगठित करने का भी काम किया। यह काम पत्रकारिता जगत में अनूठा है। क्योंकि लोग प्रशिक्षित तो करते है परन्तु संगठित नहीं कर पाते। साथ ही सुरजन ने कहा कि इस कार्यक्रम में उपस्थित पत्रकारों के सैलाब को देखकर मन प्रफुल्लित हो उठा। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंयने ग्रामीण पत्रकारों को पत्रकार जगत की वास्तविक स्थिति के बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार पुष्पा शर्मा ने की।
लंबे समय से पत्रकारिता और सामाजिक कल्याण के कामों को करने के लिए कार्यक्रम में ठाकुर जोरावरसिंह पिटोल, मनोज चतुर्वेदी झाबुआ, पल्लूसिंह चौहान कल्याणपुरा, बंसीलाल शर्मा करवड़, अर्पण कासवा बामनिया, भूपेन्द्र गौड़ झाबुआ को सम्मानित किया गया। साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के लिये ईश्वरलाल, लाली प्रजापत, अनिल हरीसिंग डामोर आदि का भी सम्मान किया गया। इस दौरान पत्रकार वीरेन्द्र व्यास ने स्व. घोड़ावत के बारे में कहा कि दादा व्यक्ति वंचितों की पत्रकारिता करते थे। उनके जैसे साहस को हासिल कर पाना हर पत्रकार का ख्वाब होता है। आज आम आदमी का सिर्फ खबर पालिका (मीडिया) और न्याय पालिका पर ही विश्वास रह गया है। साथ ही व्यास ने कहा कि पत्रकार को फलों की बजाए जड़ों को सिंचने वाली पत्रकारिता करना चाहिए।